Rajasthan News: राजस्थान के अजमेर जिले के ब्यावर से एक खबर सामने आई है, जहां एक 28 साल की लड़की हर्षाली कोठारी ने धर्म और वैराग्य का रास्ते पर चलने का फैसला ले लिया है. हर्षाली बेंगलुरु की एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करती थी, जो सालभर में 32 लाख रुपये कमाती थी. वहीं, वह आने वाले तीन दिसंबर को जैन दीक्षा लेंगी.  


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ऐसे में बुधवार यानी 20 नवंबर को अजमेर के आराधना भवन में जैन समाज हर्षाली के लिए भव्य समारोह का आयोजन किया गया. इस दौरान गोद भराई और वरघोड़ा कार्यक्रम हुआ. बैंड-बाजे और जुलूस के साथ वरघोड़ा निकाला गया. इस शोभायात्रा के दौरान विभिन्न जगहों पर हर्षाली का भव्य स्वागत किया गया.  साथ ही हर्षाली को जैन समाज ने माला पहनाकर और शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया.


 
इसके चलते हर्षाली के पिता अशोक कोठारी ने बताया कि हर्षाली ने जयपुर के लक्ष्मी निवास मित्तल कॉलेज से 2017-18 में बीटेक की पढ़ाई पूरी की, जिसके बाद उसने बेंगलुरु की एक बड़ी कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम किया. 



इसके साथ हर्षाली के पिता ने बताया कि कोविड़ के वक्त जब वर्क फ्रॉम होम चल रहा था, उस वक्त हर्षाली ने जैन संत रामलाल जी महाराज के चातुर्मास कार्यक्रम में भाग लिया. इस दौरान हर्षाली का धर्म की ओर झुकाव बढ़ गया. 


 
वहीं, कोविड़ में हर्षाली ने नौकरी छोड़ी और धर्म में लीन हो गई. जब कोरोना काल के बाद हर्षाली को कंपनी ने ऑफिस लौटने के लिए कहा तो उसने नौकरी छोड़ दी और धर्म के रास्ते पर चलने लगी. 


 
अब हर्षाली 3 दिसंबर को आचार्य रामलाल जी महाराज के सान्निध्य में दीक्षा लेकर संयम पथ पर चलेंगी. ऐसे में जैन समाज की तरफ से वैरागन हर्षाली के पिता अशोक कोठारी, माता उषा कोठारी के साथ अन्य घरवालों का शॉल ओढ़ाकर व माल्यार्पण कर समान किया गया.