Beawar: प्रदेश के सीकर जिले के खंडेला कस्बे में राजस्व न्यायालयों और प्रशासन में फैले भ्रष्टाचार और खण्डेला एसडीएम राकेश कुमार और थानाधिकारी घासीराम की प्रताडना से व्यथित होकर अधिवक्ता हंसराज मावलिया द्वारा आत्मदाह करने की घटना की अभिभाषक संघ ब्यावर ने आक्रोश जताया है. प्रशासन द्वारा फैलाए जा रहे इस भ्रष्टाचार और आंतक की बार एसोसिएशन ब्यावर ने पुरजोर निंदा की है. 


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संघ पदाधिकारियों और सदस्यों ने शुक्रवार को प्रदेश के राज्यपाल के नाम उपखंड अधिकारी के मार्फत एक ज्ञापन देकर दोषी उपखंड अधिकारी और थानाधिकारी को बर्खास्त करने की मांग की है. साथ ही अन्य दोषियों के खिलाफ कडी कार्रवाई करते हुए मृतक के परिजनों को पांच करोड रुपये की आर्थिक सहायता और परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है.


ज्ञापन में बताया गया कि राजस्व न्यायालयों को भ्रष्टाचार से मुक्त करने हेतु आमजन के हितों के लिए हमारे साथी द्वारा दी गई शहादत से स्पष्ट है कि राजस्व न्यायालयों में किस स्तर का भ्रष्टाचार व्याप्त है, जिसके परिणाम स्वरूप समाज के सभ्भय और विद्वान कहे जाने वाले अधिवक्ता को इसकी कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी. बार एसोसिएशन पूरजोर मांग करती है कि पूरे राज्य में राजस्व न्यायालयों में ज्युडिशियल मजिस्ट्रेटों की नियुक्ति कर इन न्यायालयों में फैले भ्रष्टाचार को तुरन्त प्रभाव से समाप्त किया जाए और आमजन को भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन, राजस्व न्यायालय उपलब्ध करवाई जाए.


ज्ञापन देने वालों में ब्यावर एसोसिएशन अध्यक्ष हनुमानसिंह राठौड़, मगन सोलंकी, रामस्वरूप सवालिया, प्रवीण जैन, नरपतसिंह रावत, सुनील चौहान, महेन्द्र तेली, बालकिशन गोठवाल, सुनील दुबे, लक्ष्मणसिंह पंवार, राजकुमारी तंवर, विरेन्द्रसिंह पंवार, नरेन्द्र शर्मा, सुनील कौशिक, दिलीपसिंह गोरा, पुनीतसिंह रावत, पंकज अरोड़ा, सुरेन्द्र चनिया, बलदेवसिंह रावत, ओमप्रकाश कटारिया, तुषार दुबे, महेन्द्रसिंह चौहान, सुरेन्द्रसिंह चौहान, रहमत काठात, मुकेश लखन सहित अन्य अधिवक्तागण शामिल थे.


Reporter: Dilip Chouhan


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