Tonk: राजस्थान के टोंक में 5 जनवरी को जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल ने बुधवार को चिकित्सा विभाग, शिक्षा विभाग, नगर परिषद और अन्य विभागों के अधिकारियों की बैठक लेकर कोविड-19 के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्राथमिकता से मिशन मोड में कार्य करने के निर्देश दिए. इस दौरान गैर सरकारी संगठन अजीम प्रेमजी फाउंडेशन और शिव शिक्षा समिति के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे.


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जिला कलेक्टर ने कहा कि कोविड-19 के कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने संबंधित अधिकारियों को सैम्पलिंग बढ़ाने, वैक्सीनेशन की अनिवार्यता और 15 से 18 वर्ष के बच्चों के शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन करवाने के निर्देश दिए. उन्होंने अतिरिक्त जिला कलेक्टर को शीघ्र जेईटी गठित करने और जिला कंट्रोल रूम स्थापित करने के लिए निर्देशित किया. टीम द्वारा यह सुनिश्चित की जाएं कि कहीं भी सार्वजनिक स्थानों पर बिना मास्क के लोग ना घूमें. राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी गाइडलाइन की पालना सुनिश्चित की जाए.


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जिला कलेक्टर ने सीएमएचओ डॉ. अषोक कुमार यादव को प्रत्येक सीएचसी पर ऑक्सीजन सांद्रक, ऑक्सीजन सिलेंडर, रेगुलेटर और पर्याप्त संख्या में बेड की व्यवस्था, पर्याप्त दवाईयां, मेडिकल उपकरणों की वर्किंग कंडीशन को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.


जिला कलेक्टर ने नगर परिषद आयुक्त धर्मपाल जाट को कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए टोंक शहर में आईईसी गतिविधियां शुरू करें. टीकाकरण के लिए शहरी क्षेत्रों में गठित वार्ड समितियों को सक्रिय किया जाए. महिला और बाल विकास विभाग के उपनिदेशक डॉ. धर्मवीर को ग्रामीण क्षेत्रों में वैक्सीनेशन से शेष रहे लोगों को वीलेज लेवल कमेटियों के माध्यम से टीकाकरण के लिए समझाइश कर प्रेरित करने के लिए निर्देशित दिए.


जिला कलेक्टर ने शिक्षा विभाग के मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी सुरेश चंद जैन को कहा कि 15-18 वर्ष के बच्चों के शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन के लिए संबंधित विद्यालय के संस्था प्रधान और पीईईओ की जिम्मेदारी तय की जाए.


Reporter: Purshottam Joshi