Alwar news: भिवाडी की भगत सिंह कॉलोनी में स्थित श्री गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा में बैसाखी का त्यौहार एवम खालसा पंथ की स्थापना दिवस मनाया गया. गुरुद्वारे के मुख्य ग्रंथि बाबा सुरजीत सिंह जी ने कहा कि बैसाखी के दिन ही सिखों के 10वें गुरू श्री गुरू गोविंद सिंह ने हिंदुओं की रक्षा करने के लिए खालसा पंथ की स्थापना की थी. खालसा पंथ की स्थापना का मुख्य लक्ष्य था नेकी और धर्म के लिए सदैव तत्पर रहना. बैसाखी का एक और महत्व है इसे गुरू तेग बहादुर के त्याग को भी याद किया जाता है. 


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गुरू तेग बहादुर ने जब अपना धर्म बदलने से इनकार कर दिया तो मुगल बादशाह औरंगजेब के आदेश के बाद उनका सिर धड़ से अलग ​कर दिया था और इस तरह उन्होंने धर्म की रक्षा के लिए अपनों प्राणों का बलिदान दे दिया था. जो भारत वासियों को कभी भूलना नहीं चाहिए. गुरुद्वारा के संचालक बाबा सुरजीत सिंह जी ने बताया आज 14 अप्रैल को अखंड पाठ रखा गया जिस का आज 16 अप्रैल को भोग डाल कर कीर्तन दरबार का आयोजन किया जिसमें रागी बाबा सुरजीत सिंह शाहबादी, बाबा अवतार सिंह, सरदार सतपाल सिंह, सरदार मनिंदर सिंह इन सभी ने वैशाखी के शुभ अवसर पर कीर्तन कर के दरबार की शोभा बढ़ाई और काफी श्रद्धालुओं ने कीर्तन दरबार में कीर्तन और कथा का आनंद उठाया और बाद में सारी संगत ने लंगर छ्का. 


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इस मौके परमनप्रीत सिंह, जसपाल सिंह, संजय सिंह, फतेह सिंह, सुखविंदर सिंह, परमिंदर सिंह, दिनेश बेदी, बलबीर सिंह, सुरजीत सिंह, अश्वनी ग्रोवर, निर्मल सिंह, भूपिंदर सिंह, कुलदीप सिंह, परमजीत सिंह पम्मा, परमबीर सिंह, रविंद्र रिहल, बी के नागपाल, अनिल वाधवा, महेंद्र गोसाई, डॉक्टर सागर अरोड़ा, मनीष बजाज, अरुण, राजीव नाकरा, अमरजीत सिंह, लवप्रीत, कुलबीर सिंह, जसविंदर, उमेश चौधरी, रमनप्रीत कौर, हरकरण सिंह, जसबीर सिंह, डॉक्टर सी पी भारद्वाज, ज्योति नाकरा, दीप्ति बेदी, प्रभजीत कौर, अनिता कुमारी, संजीव प्रिंटा, हरबंस राणा, नीना राणा, लव खन्ना और मलकीत सिंह सहित हजारों की संख्या में साध संगत मौजूद रही.


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