Alwar News: राजस्थान के अलवर के आरआर कॉलेज में विगत 30 दिनों से पैंथर की दहशत बरकरार है. कॉलेज प्रशासन और वन विभाग द्वारा सांकेतिक बोर्ड लगाकर छात्र-छात्राओं को जंगल की ओर जाने से मनाई की गई है. बीती रात पैंथर स्टाफ रूम के पास पहुंचा. यहां नील गाय का शिकार करके ले गया. बगल में ही नील गाय का एक पैर पड़ा मिला है. वहीं, थोड़ी दूर लगे पिंजरे के पास पैंथर के पगमार्क मिले हैं.


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सोमवार सुबह वनकर्मियों ने पैंथर के पगमार्क भी देखे. पिछले 30 दिनों से पैंथर को पकड़ने के लिए वनकर्मी केवल पिंजरे में आने का इंतजार कर रहे हैं. अंदर घना जंगल होने के कारण पैंथर को ट्रैंकुलाइज नहीं कर पा रहे. दिन के समय पैंथर का मूवमेंट भी नजर नहीं आता है.


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सहायक वनपाल भीम सिंह ने बताया कि रात को लेपर्ड आरआर कॉलेज के कैंपस में स्टाफ रूम के आसपास आया है. यहां लेपर्ड के पगमार्क मिले हैं. वहीं, पास में नील गाय का एक पैर मिला है, जिससे साफ लगता है कि पैंथर ने रात को नील गाय का शिकार किया है. दूसरी तरफ लगे पिंजरे के पास में भी पैंथर के पगमार्क हैं लेकिन पैंथर पिंजरे के अंदर नहीं गया. ऐसा पहले भी कई बार हो चुका है.


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कैमरा ट्रैप में आ रही लगातार पैंथर की फोटो 
पैंथर की पिछले 30 दिनों में कैमरा ट्रैप में बराबर फोटो मिली है लेकिन दिन के समय पैंथर दिखा नहीं है. केवल दो बार आने-जाने वालों को दिखा है. वनकर्मी उसे पकड़ने के लिए दिन में खूब मशक्कत कर चुके हैं. लेकिन दिन के समय दिखाई नहीं देता है. इस आधार पर वनकर्मियों का मानना है कि पैंथर दिन में बिल्कुल नहीं घूमता है. रात को शिकार करता है. दो-तीन जगह उसके शिकार के अवशेष मिले हैं. पैंथर ने अधिक संख्या में नील गाय व मोर के शिकार किए हैं.