गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने और नीलगाय को काटने के सवाल पर शंकराचार्य का बयान, बोले- अब सरकारों से मोह भंग हो गया है
Rajasthan News: गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने और नीलगाय को काटने के सवाल पर जगद्गुरु अवि मुक्तेश्वरनंद सरस्वती शंकराचार्य ने कहा कि अब उनका सरकारों से मोह भंग हो गया है
Rajasthan News: जगद्गुरु अवि मुक्तेश्वरनंद सरस्वती शंकराचार्य राजस्थान दौरे पर हैं. जगद्गुरु अवि मुक्तेश्वरनंद सरस्वती शंकराचार्य ने अलवर में कहा कि भारतीय संस्कृति में गाय को उच्च स्थान दिया गया है .इतना उच्च स्थान किसी का भी नहीं है लेकिन सबसे बड़ी विडंबना है कि इस गाय माता को निरंतर काटा जा रहा है. मांस का व्यापार किया जा रहा है. जो हिंदुओं के लिए बहुत बड़ा कलंक है.
उन्होंने कहा कि 75 साल में केंद्र में कई सरकारें आईं और गईं लेकिन 100 करोड़ हिंदुओं का कोई ध्यान नहीं रखा गया. उन्होंने कहा कि कहा जा रहा है कि यह अमृत महोत्सव काल चल रहा है लेकिन अमृत है क्या, गाय का दूध को ही अमृत कहा जाता है.
गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने और नीलगाय को काटने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अब उनका सरकारों से मोह भंग हो गया है और नेताओं और सरकारों से कोई मांग नहीं करनी. उन्होंने कहा कि 100 करोड़ हिंदुओं को जागृत करने का यह समय है अब नहीं तो कभी नहीं.
पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि 35 करोड़ मतदाताओं को अगर हम जागृत कर पाए और सक्रिय रूप से संकल्पित कर पाए तो हम हमारे गौ रक्षा मिशन पूरी तरह कामयाब होंगे. गाय बीफ पर सब्सिडी देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जो करेगा सो भरेगा. उन्होंने यह सभी सरकारों के लिए कहा.
उन्होंने कहा कि यमराज के दरबार में चाहे प्रधानमंत्री हो चाहे मुख्यमंत्री हो वहां कोई पद नहीं चला वहां सिर्फ कर्म चलता है. हिंदू दर्शन में कहा गया है कि जो जैसा करेगा वैसा भरेगा. चाहे सरकार कोई भी हो. सभी को यही भुगतना पड़ेगा.
गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलवाने के लिए जन जागृति यात्रा पर निकले जगद्गुरु अवि मुक्तेश्वरनंद सरस्वती शंकराचार्य राजस्थान प्रवास पर पहुंचे. जयपुर के बाद आज अलवर पहुंचे जगद्गुरू शंकराचार्य ने कहा कि वो गाय को राष्ट्रमाता घोषित करवाने के लिए एक जून से जन जागृति यात्रा निकालेंगे.