Bansur: हिंदी मिडियम स्कूल को अंग्रेजी माध्यम में बदलने को लेकर स्कूल के बच्चों को बाहर निकाल कर मुख्य गेट पर लगाया ताला. हिंदी माध्यम और अंग्रेजी माध्यम दोनों स्कूल दो पारियों में चलेगी तहसीलदार रामचन्द्र गुर्जर नारायणपुर एसीबीईईओ रामेश्वर दयाल मौके पर पहुंचे.


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नारायणपुर उपखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत मुण्डावरा में स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय को सरकार ने अंग्रेजी माध्यम स्कूल में रुपांतरित कर देने के कारण गुस्साए ग्रामीणों ने बुधवार को बच्चों को बहार निकाल कर मुख्य गेट पर ताला बंदी कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. ग्रामीणों ने बताया कि जबतक स्कूल हिंदी मिडियम स्कूल संचालन के आदेश नहीं दिए जाएंगे, जब तक स्कूल गेट पर ताला लगा रहेगा और धरना प्रदर्शन जारी रहेगा. 


स्कूल गेट पर ताला बंदी की सूचना मिलते ही नारायणपुर तहसीलदार रामचन्द्र गुर्जर और थानागाजी एसीबीईईओ रामेश्वर दयाल मीना मौके पर पहुंचे. मौके पर पहुंच कर ग्रामीणों की बात सुनी और उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया. उसके बाद तहसीलदार रामचन्द्र गुर्जर और एसीबीईईओ रामेश्वर दयाल मीना के समझाइश करने के बाद स्कूल गेट का ताला खोला गया. ग्रामीणों के साथ बैठ कर वास्तविक स्थिति पर विचार विमर्श किया गया और आश्वासन देकर मामले को शांत किया गया. एसीबीईईओ रामेश्वर दयाल मीना ने कहा है कि मुण्डावरा में हिंदी और अंग्रेजी दोनों ही स्कूल चलेगी हिंदी मिडियम स्कूल को बंद नहीं किया गया है.


इन पर बनी सहमति
स्कूल अंग्रेजी और हिंदी दोनों चलेगी. किसी भी बच्चों की टीसी नहीं काटी जाएगी, जो बच्चे स्कूल में एडमिशन लेने आएंगे उनके एडमिशन होंगे. फिलहाल किसी की टीसी नहीं काटी जाएगी और एडमिशन भी नहीं लिए जाएंगे जब तक स्पष्ट आदेश नहीं जारी होंगे. जिस पर एसीबीईईओ रामेश्वर दयाल मीना ने एक दो रोज में आदेश भिजवाने को कहा गया है. स्कूल प्रधानाचार्य महावीर सिंह मीना ने बताया कि मेरे पास दो पारियों में स्कूल संचालित करने के कोई आदेश नहीं है. आदेश आते हैं तो मेरे को संचालित करने में कोई परेशानी नहीं है.


अंग्रेजी माध्यम से ग्रामीणों और बच्चों को यह परेशानी सामने आ रही है. कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को एक कक्षा में 30 बच्चों का एडमिशन लेने के आदेश है और कक्षा 6 कक्षा 8 तक 35 बच्चों को एडमिशन के अंग्रेजी माध्यम में लेने के आदेश हैं, लेकिन इन से अधिक संख्या वाली कक्षाओं के बच्चों को टीसी काटनी पड़ेगी तो वह बच्चें कहा पढ़ने जाएंगे. दोनों ही माध्यमों की स्कूल संचालित रखने के आश्वासन देकर ताला खोला गया.