GRAP For Pollution Control: 1 अक्टूबर से लगने वाले GRAP नियमों का भिवाड़ी में औद्योगिक संगठन ने उठाई मांग
Tijara: 1 अक्टूबर से एनसीआर में पर्यावरण को लेकर लागू ग्रेप के नियमों में बदलाव की मांग को लेकर औद्योगिक संगठन बीआईआईए ज्ञापन सौंपा है.
Tijara: 1 अक्टूबर से एनसीआर में पर्यावरण को लेकर लागू ग्रेप के नियमों में बदलाव की मांग को लेकर औद्योगिक संगठन बीआईआईए ज्ञापन सौंपा है. दरअसल भिवाडी में इन दिनों एक्यूआई करीब 280 के आसपास पहुंच चुका है यह अगर 300 पर पहुंच गया तो इस क्षेत्र की हजारो फेक्ट्रियो व श्रमिको पर इसकी मार पड़ेगी.
बढ़ते पॉल्यूशन से सर्दियों में दम घोटने वाले वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान यानी ग्रेप को एनसीआर में एक तारीख से लागू किया गया है.
इसके तहत एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 पर जाते ही पाबंदियों का दौर शुरू हो जाता है , यहां तक कि फैक्ट्रियों और सोसाइटियों में जनरेटर तक नहीं चलाया जा सकता ऐसे में जब औधोगिक क्षेत्र में जब 24 घण्टे बिजली की आपूर्ती नहीं मिलेगी और जनरेटर भी नहीं चला पाएंगे तो इस असर पूरे औधोगिक क्षेत्र पर पड़ेगा.
भिवाडी में इन दिनों एक्यूआई करीब 280 के आस पास पहुंच चुका है यह 300 पर पहुंचते ही भिवाडी व आसपास के हजारो फैक्ट्रियों व श्रमिकों पर इसका असर पड़ने वाला है इसी चिंता को लेकर 1 अक्टूबर से दिल्ली सहित एनसीआर में लगने वाले ग्रेप के नियमों का भिवाडी के औद्योगिक संगठन बीआईआईए ने विरोध करना शुरू कर दिया है, इसके तहत संगठन के अध्यक्ष प्रवीण लाम्बा के नेतृत्व अनेको फैक्ट्रियों से जुड़े लोगों ने बीड़ा सीओ रोहिताश तोमर को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान बड़ी संख्या में उद्योगपति शामिल रहे साथ ही इसे काला कानून बताकर वापस लो के नारे लगाए गए.
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बीआईआईए के अध्यक्ष प्रवीण लांबा ने बताया कि 1 तारीख से ग्रेप के नियम लागू होने जा रहे हैं जिसको लेकर भिवाड़ी के उद्योगपतियों में खासी चिंता बनी हुई है ,क्योंकि ग्रेप के नियमों के अनुसार अगर AQI का स्तर 300 के ऊपर जाता है तो डीजी सेट पर पूर्ण रूप से पाबंदी लग जाएगी. भिवाड़ी के अंदर करीब 6000 कंपनिया संचालित हैं जिनमें लगभग सभी में छोटे या बड़े डीजी सेट लगे हुए हैं.
इनमें से बहुत सी इकाईयां ऐसी हैं जो रेगुलर प्रोसेस करने वाली हैं उनमें अगर प्रोसेसिंग बंद होती है तो लाखों रुपए का नुकसान हो जाता है. सरकार की तरफ से उद्योगों को ना तो पूरी बिजली मुहैया कराई जा रही है और ग्रेप के नियमों के हिसाब से डीजी सेट पर पाबंदी लगाई जा रही है. इससे औद्योगिक इकाइयों पर भारी संकट आन खड़ा हुआ है.
उद्योगपतियों की इसी समस्या को राज्य सरकार तक पहुंचाने के लिए बीआईआईए के सभी पदाधिकारियों एवं उद्योगपतियों ने बीड़ा सीओ को ज्ञापन सौंपा साथ ही उद्योगपतियों की समस्याओं का निराकरण कराने की मांग की है.
वहीं प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के आरओ अमित शर्मा ने बताया कि उनका काम सरकार के द्वारा जारी किए गए नियमों का पालन करवाना है जैसा सरकार की तरफ से आदेश आएगा हम उसी का पालन करवाएंगे। फिलहाल ग्रेप के नियमों के हिसाब से ही उद्योग इकाइयों को संचालित करने की छूट दी जाएगी आगे जैसे भी नियम आएंगे उसी हिसाब से कार्य किया जाएगा.