Alwar: अलवर जिले के नीमराना औधोगिक क्षेत्र की अगर बात करे तो यहां नीमराना, शाहजहांपुर, घिलोट व बहरोड़ के सोतानाला क्षेत्र में हजारो की संख्या में उद्योग संचालित है. नीमराना औधोगिक क्षेत्र में जापानी जॉन अलग से बना हुआ है.


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यहां अनेकों एमएनसी स्थापित है, लेकिन किसी भी तरह की आगजनी में संबंधित विभाग रीको के पास दमकल गाड़ियों का अभाव है. अनेकों ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी है, जिसमें आग लगने के बाद करोड़ो का नुकसान हुआ. पिछले दिनों नीमराना में स्थित डायकन कम्पनी में भीषण आग लगने से सो करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ था. इस क्षेत्र में आग बुझाने के लिए रीको के पास मात्र चार दमकल गाड़िया है, जिनके भरोसे विभाग चल रहा है. उनमें से दो की हालत जर्जर बताई जा रही है.


कमोबेश यही हालात भिवाडी, खुशखेड़ा औद्योगिक क्षेत्र के है. यहां करीब पांच हजार के आसपास औधोगिक कंपनियां संचालित है, यहां भी भिवाडी रीको के पास मात्र दो दमकल की गाड़िया हैं. इसमें एक 12,500 लीटर और एक 4500 लीटर की है, जिसमें पूरा भिवाड़ी कवर करना होता है. वहीं नगर परिषद के पास सिर्फ एक रेस्क्यू वाहन है, जिसमें सिर्फ 250 लीटर पानी आता है.


ऐसे हालातों में इतने बड़े औद्योगिक क्षेत्र में कोई बड़ी आगजनी की घटना होने पर अलवर मुख्यालय से लेकर हरियाणा से भी मदद मांगी जाती है, लेकिन इसमें समय ज्यादा लगने से तब तक बड़ा नुकसान हो चुका होता है. यहीं हालात तब भी देखने को मिले थे, जब भिवाडी में एक हेलमेट बनाने वाली कम्पनी में भीषण आग लगी थी और आग बुझाने के संसाधन नाकाफी नजर आए थे.


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इसके अलावा अलवर के मत्स्य औधोगिक क्षेत्र की बात करे तो यहां भी करीब 2 हजार फैक्ट्रियां संचालित है यहां एमआईए रीको में मात्र एक फायरब्रिगेड की गाड़ी है. वहीं दूसरी एक गाड़ी 20 किलोमीटर दूर शहर में अंबेडकर नगर स्थित अग्निशमन केंद्र पर खड़ी है. शेष चार गाड़ी जिला मुख्यालय पर है जो पूरा शहर सहित आसपास के क्षेत्र को कवर करती है.


Reporter- JUGAL KISHOR GANDHI