Rajasthan Election 2023: अलवर जिले की 11 विधानसभा क्षेत्र के आज मतगणना का विशेष दिन है. आज ही 11 विधानसभाओं के प्रत्याशियों के किस्मत का ताला खुलेगा. प्रशासन द्वारा आज विशेष सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं. सुबह 8 बजे से काउंटिंग शुरू हो गई है. 11 विधानसभा क्षेत्र की तो बानसूर रामगढ़ और तिजारा विधानसभा में त्रिकोणीय मुकाबला है. ऊंट किस करवट बैठेगा यह देखना होगा. सभी प्रत्याशी जीत की आस लगाए बैठे हैं.


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किसके सिर पर होगा विधायक का ताज 
राजस्थान विधानसभा चुनाव के मतगणना 3 दिसंबर को राजकीय कला महाविद्यालय में शुरू होगी, जिसमें 113 उम्मीदवारों का भाग्य का फैसला होगा. राजस्थान सरकार के दो मंत्री टीकाराम जूली और शकुंतला रावत का भविष्य का फैसला भी आज हो जाएगा. वहीं,  सबसे हॉट सीट तिजारा में अलवर सांसद बालक नाथ की राजनीति की पारी लंबी होगी या विराम लगेगा. इस पर भी फैसला होना है.


कौन बनेगा विधायक इसका फैसला होगा 
11 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर है लेकिन रामगढ़ और बानसूर में आजाद समाज पार्टी के प्रत्याशी ने मुकाबला त्रिकोण बनाकर भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों की नींद उड़ा रखी है. अलवर शहर विधानसभा सीट पर सबसे बड़ी बात यह है कि कांग्रेस के प्रत्याशी अजय अग्रवाल ने इस चुनाव को भाजपा कांग्रेस का नहीं होने दिया और यह पूरा चुनाव अलवर की सड़क, गंदगी और पानी को लेकर लड़ा गया. 


भाजपा के विधायक संजय शर्मा यहां पूरी तरह इन मुद्दों पर बैक फुट पर दिखाई दिए, जिसका फायदा सीधा अजय अग्रवाल को मिला. संभावना यह व्यक्त की जा रही है कि कांग्रेस यहां अपने पिछले तीन चुनाव का सूखा समाप्त कर सकती है. भाजपा अगर इस सीट को हारती है तो इसका मुख्य कारण अलवर नगर निगम बनेगा. जिस पर भारतीय जनता पार्टी का महापौर काबिज है. जिसने ना तो अलवर की रोड लाइटों पर ध्यान दिया, ना सफाई पर ध्यान दिया और ना ही सड़कों पर ध्यान दिया.


अलवर ग्रामीण विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस से राजस्थान सरकार के मंत्री टीकाराम जूली और भारतीय जनता पार्टी से जय राम जाटव में सीधी टक्कर है. शुरुआती दौर में यह बताया जा रहा था कि भारतीय जनता पार्टी यहां चुनाव जीत सकती है लेकिन मतदान से पहले हवा में बदलाव आया है और जो बीजेपी की एक तरफा जीत बताई जा रही थी. वह कांटे की टक्कर में बदल गई है. 


किशनगढ़ बास विधानसभा क्षेत्र से भी कांटे की टक्कर है .जहां कांग्रेस ने वर्तमान विधायक दीपचंद खेरिया को टिकट दिया है और भारतीय जनता पार्टी ने रामहेत सिंह यादव को दिया है. हालांकि यहां पर बहुजन समाज पार्टी से सिमरत संधू भी चुनाव मैदान में है. जो दोनों पार्टियों भाजपा कांग्रेस की गणित को अप एंड डाउन कर सकती है.


तिजारा विधानसभा क्षेत्र सबसे हॉट विधानसभा क्षेत्र रही जहां अलवर के सांसद और भाजपा प्रत्याशी महंत बालक नाथ ने चुनाव का ध्रुवीकरण कर मतदान प्रतिशत बढ़वाया. कांग्रेस ने यहां इमरान खान को टिकट दिया है. यहां बाबा बालक नाथ की प्रतिष्ठा पूरी दाव पर है. अगर बाबा बालक नाथ चुनाव हार गए तो राजनीति में लंबे रस के घोड़े नहीं बने रह सकते. 


भाजपा ने जब बाबा का नाम जब घोषित हुआ था तब बाबा पहली बार इलाके में नजर आए तो बुलडोजर से आए तभी से यह मैसेज दिया कि यहां अपराध करने वालों का जगह नहीं मिलेगी और उनके नामांकन और समर्थन में दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी आए थे. इस सीट को पूरी तरह ध्रुवीकरण कर दिया गया. पिछले चुनावों में यहां 82 फीसदी मतदान हुआ था. 


इस बार 86 फीसदी मतदान हुआ. उनका दो बयान भी काफी चर्चा में रहा कि ये भारत और पाकिस्तान का मैच है. दूसरा बयान 1400 वोट जिस गांव में हैं, वहां 1450 वोट डलने चाहिए. उनके बयानों को लेकर निर्वाचन आयोग ने दो बार नोटिस जारी किया था.


बहरोड़ विधानसभा में भी वर्तमान निर्दलीय विधायक बलजीत यादव, भाजपा से पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के खेमे के पूर्व मंत्री डॉक्टर जसवंत सिंह यादव और कांग्रेस से संजय सिंह यादव के भाग्य का फैसला आज होगा. यहां भारतीय जनता पार्टी का पलड़ा भारी है और कांग्रेस तीसरे स्थान पर रह सकती है.


रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र भी दूसरी हॉट सीट मानी जाती है. यहां कांग्रेस से जुबेर खान, भारतीय जनता पार्टी से जय आहूजा चुनाव मैदान में है. लेकिन आजाद समाज पार्टी से सुखवंत सिंह ने दोनों का गणित बिगाड़ दिया है .यहां सुखवंत सिंह बाजी मर जाएं तो कोई आश्चर्य नहीं होगा और इस विधानसभा क्षेत्र पर पहली बार ऐसा होगा कि भाजपा और कांग्रेस ने मात खाई है. 


राजगढ़ लक्ष्मणगढ़ विधानसभा क्षेत्र में भी कांटे की टक्कर है .भारतीय जनता पार्टी से बन्ना लाल मीणा ,कांग्रेस से मांगे लाल मीना चुनाव मैदान में है. लेकिन वर्तमान विधायक जोहरी लाल मीणा भी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में कह पाना बड़ा मुश्किल है, लेकिन जिस तरीके से प्रयास लगाया जा रहे हैं. यहां भारतीय जनता पार्टी ये सीट निकाल सकती है. 


कठूमर विधानसभा सीट पर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में सीधी टक्कर है. कांग्रेस से संजना जाटव और भाजपा से रमेश खींची चुनाव मैदान में है. कांग्रेस प्रत्याशी को युवा होने और महिला होने का सीधा-सीधा फायदा मिल सकता है. थानागाजी विधानसभा सीट से भी निर्दलीय विधायक कांतिलाल मीणा को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया और भारतीय जनता पार्टी से पूर्व मंत्री हेमसिंह भड़ाना चुनाव मैदान में है. यहां आम आदमी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और आजाद समाज पार्टी के प्रत्याशी दोनों का गणित बिगाड़ सकते हैं. लेकिन इस सामान्य सीट पर दोनों ही पार्टी ने सामान्य प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया. यह कांग्रेस की पुश्तैनी सीट रही है. ऐसे में यहां के ब्राह्मण वोट जिसको भी वोट करेंगे वह सीट निकाल सकते हैं. कांग्रेस से नाराज ब्रह्मण वोटों के कारण उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार भारतीय जनता पार्टी बाजी मार सकती है.


मुंडावर विधानसभा सीट भी वर्तमान विधायक भाजपा के मनजीत चौधरी इस बार हल्के दिखाई दे रहे हैं और कांग्रेस ने युवा ललित यादव को चुनाव मैदान में उतर कर बड़ा गांव खेल है. हालांकि मंजीत भी युवा हैं .मेजर ओपी यादव की पुत्रवधू अंजली यादव आजाद समाज पार्टी से हैं. वह कितना वोट उठाती हैं इस पर कांग्रेस प्रत्याशी का भविष्य निर्भर करेगा क्योंकि जाति समीकरण में फंसी है . अगर अंजली यादव ज्यादा वोट उठाती हैं तो निश्चित रूप से कांग्रेस को नुकसान हो सकता है.


बानसूर विधानसभा सीट पर सबसे कम प्रत्याशी हैं. यहां राजस्थान सरकार की मंत्री शकुंतला रावत कांग्रेस से भाजपा से देवी सिंह शेखावत और आजाद समाज पार्टी से रोहतास कुमार चुनाव मैदान में हैं.रोहतास कुमार एक बार निर्दलीय भी विधायक बन चुके हैं. ऐसे में कयास लगाया जा रहे हैं कि यह त्रिकोणी मुकाबले में फांसी इस सीट से किसको विजय प्राप्त होगी.यह आज पता चल जाएगा.