Sawan 2022: अमरनाथ की तरह अलवर में भी गुफा में विराजमान हैं भगवान शिव
अलवर देश-विदेश में अपनी खास पहचान रखती है. यहां कई प्राचीन मंदिर है, उनमें से एक सरिस्का की वादियों में भगवान शिव का नलदेश्वर मंदिर है.
Alwar: देवभूमि अलवर देश-विदेश में अपनी खास पहचान रखती है. यहां कई प्राचीन मंदिर है, उनमें से एक सरिस्का की वादियों में भगवान शिव का नलदेश्वर मंदिर है. यह मंदिर अन्य मंदिरों से अलग है. इस मंदिर में भगवान शिव अमरनाथ की तरह गुफा में विराजमान है.
यह गुफा अरावली की पर्वतमालाओं में बनी हुई है. यह मंदिर सालों पुराना है. वहीं, सावन माह में यहां मेला भरता है और दूर-दूर से लोग भगवान के दर्शन के लिए आते हैं. साल भर यहां पहाड़ों से झरना बहता है.
नलदेश्वर शिव मंदिर अलवर शहर से 24 किमी दूर दक्षिण में स्थित है. यह मंदिर सरिस्का क्षेत्र में स्थित है. यह अलवर के प्राकृतिक मनमोहक स्थलों में प्रमुख है. लोगों को यहां पहाड़ियों के बीच प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद मिलता है.
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नलदेश्वर महादेव मंदिर में स्थानीय लोगों की आस्था जुड़ी हुई है. यहां तक पहुंचने के लिए लोगों को पहाड़ों के रास्तों से गुजरते हुए मंदिर की सैकड़ों की संख्या में सीढ़िया चढ़नी पड़ती है. ऊपर बनी मंदिरनुमा चट्टान से निरंतर पानी गिरता रहता है. बीहड़ घनघोर जंगल, पहाड़ी नाला और एक नैसर्गिक कुंड यहां की शोभा को और भी बढ़ाते हैं. वैसे तो साल भर यहां लोग भगवान शिव के दर्शन के लिए आते हैं, लेकिन सोमवार, बारिश के समय में यहां ज्यादा भीड़ रहती है.
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