देवघरः Sawan 2023: भगवान भोलेनाथ को सावन का महीना अति प्रिय है. यही वजह है कि देवघर के बाबा बैद्यनाथ मंदिर में सावन के महीने में 108 किलोमीटर की कावड़ यात्रा करके श्रद्धालु सुल्तानगंज से जल लेकर बाबा पर जल अर्पण करते हैं. वहीं आज सावन की तीसरी सोमवारी और बंगला सावन की पहली सोमवारी है. इसी के साथ ही मलमास की भी आज पहली सोमवारी है. 


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तीसरी सोमवारी पर उठा आस्था का जनसैलाब 
हालांकि कुछ दिनों से बाबा बैद्यनाथ मंदिर में भीड़ की कमी देखी गई थी, लेकिन सोमवारी होने की वजह से आज आस्था का जनसैलाब देवनगरी देवघर में देखने को मिला. मंदिर के पुरोहित दुर्गा प्रसाद पंडित बताते हैं कि सावन में ही समुद्र मंथन हुआ था और समुद्र मंथन के दौरान हलाहल विष निकला था. जिसको शिवजी ने अपने अंदर ग्रहण किया था और हलाहल विष के कारण उनका कंठ काफी जलने लगा था, जिसके बाद देवी देवताओं के द्वारा उन्हें जल अर्पण किया गया था और बेलपत्र चढ़ाया गया था, इसलिए सावन के महीने में और खासकर सोमवारी को बाबा भोलेनाथ को गंगाजल और बेलपत्र चढ़ाने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. 


वर्षो से चली आ रही मोटा अनाज चढ़ाने की परंपरा
वहीं अधिक मास और मलमास लगने की वजह से मलमास के दौरान यूपी, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश के कांवरिया अधिक संख्या में यहां पर पहुंच रहे हैं और बाबा को गंगाजल और बेलपत्र के साथ मोटे अनाज का भी भोग लगाने की परंपरा वर्षो से चली आ रही है. आज सोमवारी होने की वजह से श्रद्धालुओं की काफी भीड़ भी देखी जा रही है. मंदिर का पट सुबह 3:53 में आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया, जिसके बाद कावड़िया कतारबद्ध होकर बाबा पर जलार्पण करते हुए नजर आए. 


इनपुट- अजय कुमार 


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