रामगढ़: सैनिक की पार्थिव देह पहुंची गांव, नम आंखों से दी श्रद्धांजलि
रामगढ़ में 68 दिन तक मौत से संघर्ष के बाद रविवार की रात 1 बजे आर्मी में सूबेदार सैंथली गांव निवासी अमर सिंह पुत्र नंदलाल गुर्जर की मृत्यु हो गई.
Ramgarh: राजस्थान के रामगढ़ में 68 दिन तक मौत से संघर्ष के बाद रविवार की रात 1 बजे आर्मी में सूबेदार सैंथली गांव निवासी अमर सिंह पुत्र नंदलाल गुर्जर की मृत्यु हो गई. अंबाला में तैनात अमर सिंह 31 मई की रात निवास पर बेहोश मिले थे. उन्हें चंडीगढ़ कमान हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां 2 महीने इलाज के बाद रविवार को सूबेदार अमर सिंह ने दम तोड़ दिया.
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आर्मी के जवान तिरंगे में लिपटे उनके पार्थिव देह को लेकर पैतृक गांव सैंथली पहुंचे. सूबेदार अमर सिंह के पार्थिव देह को श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. गार्ड ऑफ ऑनर के साथ सूबेदार अमर सिंह के पार्थिव देह अंतिम विदाई दी गयी, उनके बेटे द्वारा मुखाग्नि दी गई.
उनके बड़े भाई धर्म सिंह गुर्जर ने बताया कि सोते समय अमर सिंह को सिर में कोई परेशानी हुई. उन्होंने मौजूद साथियों को बताने का प्रयास भी किया, लेकिन चंद क्षणों में वह पूरी तरह बेहोश हो गए और साथियों ने सोया हुआ मान लिया. अगले दिन तक उन्हें चेतना नहीं आई तो अस्पताल ले जाया गया. उनके परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं, इनमें बेटा जितेंद्र गुर्जर जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में आर्मी में तैनात हैं, जबकि पुत्री विवाहित है. भाजपा के पूर्व उप जिला प्रमुख रमन गुलाटी ने बताया कि सूबेदार अमर सिंह अंबाला में ड्यूटी पर तैनात था.
साथ ही ड्यूटी के दौरान अपने क्वाटर में अचानक सिर में दर्द होने के कारण बेहोश हो गया, जिसे इलाज के लिए चंडीगढ़ कमान हॉस्पिटल में भर्ती कराया, जहां पर 2 महीने के इलाज के दौरान सूबेदार की मौत हो गई. सूबेदार अमर सिंह के पार्थिव देह को पैतृक गांव सैंथली लेकर पहुंचे और तिरंगे में लिपटे पार्थिव देह को श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी.