अलवर: वनकर्मियों की बेमियादी हड़ताल को लेकर सरिस्का में बाघों की सुरक्षा को लेकर खतरा बढ़ गया है ,सरिस्का व अलवर वन मंडल में कार्यरत दो सौ से ज्यादा वनकर्मियों ने अपनी 15 सूत्रीय मांगों को लेकर कार्य का बहिष्कार कर दिया है. सयुंक्त संघर्ष समिति वन विभाग राजस्थान के बैनर तले अपना फील्ड का काम छोड़कर सरिस्का बाघ परियोजना मुख्यालय पर धरना शुरू कर दिया है.


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सरिस्का में वनकर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से बाघों सहित अन्य वन्य जीवों पर खतरा मंडराने लगा है , अपनी 15 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश भर में सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है , अलवर में सरिस्का मुख्यालय व अलवर वन मंडल तथा रेंजों के 220 कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से बाघों की मोनेटरिंग , वन्य जीवों के रेस्क्यू ऑपरेशन ,अतिक्रमण व अवैध खनन सहित शिकार रोकने के काम प्रभावित हो रहे हैं.


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मांगें पूरी नहीं होने तक जारी रहेगा धरना


वनकर्मी रामवीर गुर्जर ने बताया जब तक राज्य सरकार व विभाग उनकी मांगों को नहीं मानेगा कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे, अलवर वन मंडल एवं सरिस्का बाघ परियोजना में अधीनस्थ कर्मचारी इनमें रेंजर ,वनपाल ,सहायक वनपाल ,बीट गार्ड , चालक तथा वर्कराज कर्मचारी शामिल है ,जंगल मे अक्सर यही कर्मचारी काम पर होते है ऐसे में इनके हड़ताल पर चले जाने से पूरा काम प्रभावित होने के आसार बन गए है , इस मामले में डीएफओ डीपी जगावत ने बाघों की मोनेटरिंग सहित अन्य कामो के प्रभावित होने से उच्च अधिकारियों को भी अवगत कराया है .


वनकर्मियों की ये हैं मांगें


वन कर्मचारियों की 15 सूत्रीय मांगों में मुख्य रूप से फील्ड में कार्यरत अधीनस्थ वन कर्मचारियों को पुलिस के सामान ग्रेड वेतन भत्ते , वन विभाग में कार्यरत वाहन चालकों को अन्य संभागों में पदोन्नति आदि है , इस दौरान रामवीर गुर्जर ,धर्मसिंह कुमावत ,ज्योति शर्मा ,सूरज मीणा ,केवल कुमार , मुक्ता शर्मा ,राहुल पटेल ,सुरेंद्र यादव सहित अन्य वन कर्मचारी मौजूद रहे .