Rajasthan Chunav Result Winner List: शाहपुरा में कांग्रेस प्रत्याशी Manish Yadav जीते
Shahpura Jaipur Vidhan Sabha Chunav Result 2023: शाहपुरा विधानसभा सीट से कांग्रेस के मनीष यादव ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी निर्दलीय के आलोक बेनीवाल को 63926 मतों से हरा दिया. शाहपुरा विधानसभा सीट राजधानी जयपुर शहर की सबसे हॉट सीट में से एक है.
Shahpura Jaipur Vidhan Sabha Chunav Result 2023: शाहपुरा विधानसभा सीट से कांग्रेस के मनीष यादव ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी निर्दलीय के आलोक बेनीवाल को 63926 मतों से हराया. शाहपुरा विधानसभा सीट राजधानी जयपुर शहर की सबसे हॉट सीट में से एक है.
कांग्रेस के मनीष यादव जीते
शाहपुरा विधानसभा सीट राजधानी जयपुर शहर की सबसे हॉट सीट में से एक है. यहां साल 2018 में निर्दलीय उम्मीदवार अलोक बेनीवाल ने जीत दर्ज की थी, 2023 के विधानसभा चुनाव में यहां मुख्य मुकाबला कांग्रेस के मनीष यादव बनाम भाजपा के उपेन यादव बनाम निर्दलीय उम्मीदवार अलोक बेनीवाल के बीच है. 2023 में इस सीट पर 83.83 प्रतिशत मतदान हुआ, जो कि साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव से 1.08 फीसदी बढ़ा है, पिछले चुनाव में यहां 82.75 प्रतिशत मतदान हुआ था.
निर्दलीय आलोक बेनीवाल को मिली हार
विधानसभा चुनाव 2018
2018 के चुनाव में शाहपुरा विधानसभा सीट के परिणाम को देखें तो यहां पर निर्दलीय प्रत्याशी और पूर्व राज्यपाल डॉ. कमला के बेटे आलोक बेनिवाल को जीत मिली थी. आलोक बेनिवाल ने 66,538 वोट हासिल किए जबकि कांग्रेस के मनीष यादव के खाते में 62,683 वोट मिले. भारतीय जनता पार्टी के राव राजेंद्र सिंह तीसरे स्थान पर खिसक गए और उन्हें 40,215 वोट मिले.
शाहपुरा सीट का इतिहास
शाहपुरा क्षेत्र पहले बैराठ विधानसभा सीट के तहत आती थी, लेकिन 2008 में परिसीमन में बैराठ विधानसभा को अलग कर विराटनगर और शाहपुरा नाम से दो अलग-अलग नई विधानसभा सीट बना दी गईं. 2018 में करीब 4 हजार के मतों के अंतर से परिणाम आया था. इससे पहले 2013 के चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी राव राजेंद्र सिंह ने कांग्रेस के आलोक बेनिवाल को कड़े मुकाबले में 2,397 मतों के अंतर से हराया था.
2008 के चुनाव में भी बीजेपी के राव राजेंद्र सिंह ने जीत हासिल की थी. राव राजेंद्र सिंह ने कांग्रेस के ही आलोक बेनिवाल को 7,215 मतों के अंतर से हराया था. लगातार 2 चुनावों में आलोक बेनिवाल को नजदीकी मुकाबले में मिली हार के बाद 2018 में कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो वह निर्दलीय ही चुनाव लड़े और जीत गए. कांग्रेस को यहां पर अपनी पहली जीत का इंतजार है.
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