Rajasthan Election: राजस्थान को पानी पिलाने वाले इंजीनियर अब सियासी पानी पिलाएंगे,दौड़ में दावेदार
राजस्थान को पानी पिलाने वाले पीएचईडी इंजीनियर्स अब सियासी पानी पिलाएंगे.पानी पिलाने से लेकर राजनीति की पारी शुरू करने वाले इंजीनियर्स कांग्रेस और बीजेपी से टिकटों की जद्दोजहद में लगे है.वीआरएस लेकर इंजीनियर अपनी अपनी प्रबल दावेदारी जता रहे है.आखिर कौन कौन से इंजीनियर्स सियासी सफर की दौड़ में जुटे है
राजस्थान को पानी पिलाने वाले पीएचईडी इंजीनियर्स अब सियासी पानी पिलाएंगे.पानी पिलाने से लेकर राजनीति की पारी शुरू करने वाले इंजीनियर्स कांग्रेस और बीजेपी से टिकटों की जद्दोजहद में लगे है.वीआरएस लेकर इंजीनियर अपनी अपनी प्रबल दावेदारी जता रहे है.आखिर कौन कौन से इंजीनियर्स सियासी सफर की दौड़ में जुटे है,देखिए इस खास रिपोर्ट में!
अब खुद घाट-घाट का पानी पिएंगे
गांव-गांव,ढाणी-ढाणी,शहरों की गलियों तक जनता को पानी पिलाने वाले जलदाय विभाग के इंजीनियर्स अब सियासत का पानी पिलाने में जुटे है,क्योकि अब वीआरएस और रिटायर्ड होने के बाद राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले इंजीनियर्स अपनी दावेदारी जता रहे है.घाट—घाट तक पानी पहुंचाने वाले इंजीनियर्स अब खुद घाट—घाट का पानी पिएंगे.
ये पीएचईडी इंजीनियर्स दावेदार
1.रूपाराम मेघवाल- 2013 में पीएचईडी चीफ इंजीनियर के पद से वीआरएस लेकर रूपाराम मेघवाल ने कांग्रेस का दामन थामा,जिसके बाद उन्हें विधानसभा चुनाव में जैसलमेर सीट से टिकट मिला.लेकिन वे पहला चुनाव हार गए. कांग्रेस ने जनरल सीट पर एससी उम्मीदवार का दांव फेल होने के बाद भी 2018 में कांग्रेस ने फिर से यही दांव लगाया और रूपाराम को टिकट दिया.अबकी बार वे चुनाव जीते.2023 के विधानसभा चुनाव में भी वे अपनी दावेदारी जता रहे है.
2.रामराज मीणा- जलदाय विभाग में चीफ इंजीनियर रहे रामराज मीणा ने वीआरएस लेकर 2013 में टोडाभीम से चुनाव लड़े,लेकिन वे चुनाव हार गए.रिटायर्ड चीफ इंजीनियर रामराज मीणा को 2018 में टिकट नहीं मिल पाया.अबकी बार फिर से फिर से टिकट की जुगत में लगे है.
3.अजय बजाज- पीएचईडी अतिरिक्त मुख्य अभियंता के पद से रिटायर्ड हुए अजय बजाज अबकी बार गंगानगर से दावेदारी ठोक रहे.अजय बजाज बीजेपी से टिकट की मांग कर रहे है,वे अबकी बार भी दावेदारी पेश कर रहे है.
अब चाहत नहीं चुनाव की
हालांकि कई रिटायर्ड इंजीनियर्स ऐसे भी है,जो चुनाव तो लड़ना चाह रहे थे,लेकिन अब उनका चुनाव लडने का मन नहीं है.रिटायर्ड चीफ इंजीनियर आईडी खान झुंझुनू शहर से चुनाव लडना चाहते थे,वहीं एडिशनल चीफ इंजीनियर सुशील असोपा पिछले चुनावों में रतनगढ़ से टिकट की मांग कर रहे थे. हालांकि हाल ही में रिटायर्ड हुए किसी भी इंजीनियर का मन चुनाव लड़ने का नहीं है.अब ऐसे में देखना होगा कि प्रदेश को पानी पिलाने वाले इंजीनियर कौन किसे कितना पानी पिला सकेगा.
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