Rajasthan Assembly Election 2023: विधानसभा चुनाव में मतदान को बढ़ावा देने के लिए 80 साल से अधिक और दिव्यांग मतदाताओं के मतदान के लिए घर पहुंच सुविधा दी जा रही है. जयपुर जिले में मंगलवार को पहले दिन 1520 में से 1473 बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं ने घर बैठे मतदान कर अपना फर्ज निभाया. राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए आज से वोटिंग की शुरूआत हो गई. 


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80 साल से ज्यादा उम्र और 40 फीसदी से ज्यादा दिव्यांगों के लिए होम वोटिंग के लिए आज पोलिंग पार्टियां घर-घर पहुंची और होम वोटिंग का ऑप्शन चुनने वाले वोटरों से पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान करवाया. इस वोटिंग प्रकिया के दौरान गोपनीयता का पूरा ध्यान रखा गया. घर बैठे ही मतदान प्रक्रिया को लेकर बुजुर्गों में उत्साह दिखा.


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निर्वाचन आयोग का धन्यवाद दिया
मैं हमेशा से वोट देती आई हूं लेकिन मेरी उम्र अधिक हो जाने के कारण अब चलने-फिरने में काफी तकलीफ होती है. मतदान केंद्र जाने में दिक्कत हो रही थी. निर्वाचन आयोग द्वारा घर पर ही वोट देने की सुविधा काफी अच्छी पहल है....यह कहना था विद्याधर नगर विधानसभा क्षेत्र की बुजुर्ग वोटर शकुंतला का. वहीं हवामहल विधानसभा क्षेत्र की रहने वाली मूकबधिर राबिया के परिजनों ने भी निर्वाचन आयोग का धन्यवाद दिया. उनका कहना है कि राबिया ना तो सुन सकती है, ना ही बोल सकती है और साथ में चलने-फिरने में भी असमर्थ है लेकिन राबिया ने भी लोकतंत्र के पर्व में पहली बार अपनी भागीदारी घर बैठकर मतदान कर निभाई है. पोलिंग पार्टी ने बिस्तर पर वोटिंग का कम्पार्टमेंट बनाया और वोट डलवाया. यहां उनके साथ वोट कास्ट करवाने में उनके भाई ने किया हालांकि उनका भाई और पिता भी बोलने में समक्ष नहीं है. 


क्या बोले जिला निर्वाचन अधिकारी 
जिला निर्वाचन अधिकारी प्रकाश राजपुरोहित का कहना है कि पहले दिन हर विधानसभा क्षेत्र के लिए अलग अलग जगह से पोलिंग पार्टियां मय सामग्री से लैस होकर पात्र मतदाताओं की लोकेशन के लिए रवाना हुईं. निर्वाचन आयोग आयोग के निर्देशानुसार जिले की 19 विधानसभा क्षेत्रों में 7 हजार 230 वोटर्स के लिए होम वोटिंग की प्रक्रिया आज प्रारंभ हो गई है. पहले दिन होम वोटिंग के लिए 1 हजार 520 वोट का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसमें से 1 हजार 473 मतदाताओं ने घर पर ही मतदान कर इस होम वोटिंग सुविधा की तारीफ की. 47 मतदाता ऐसे रहे, जिनके घर पोलिंग पार्टी पहुंची तो या तो अस्पताल में भर्ती थे यहां घर पर मौजूद नहीं थे. मतदाता की डेथ हो गई. ऐसे में जो मतदाता पहले चरण में एबसेंट रहे उनके घर पर पोलिंग पार्टी दोबारा 20 और 21 नवंबर को वापस जाएंगी और उनका वोट कास्ट करवाएगी. 


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17 विधानसभा क्षेत्रों में पहले दिन हुई होम वोटिंग 
राजपुरोहित ने बताया कि जयपुर जिले में 19 में से 17 विधानसभा क्षेत्रों में पहले दिन होम वोटिंग हुई. दूदू और फुलेरा विधानसभा क्षेत्र में आज होम वोटिंग की प्रकिया शुरू नहीं हुई. राजपुरोहित ने बताया कि विधानसभा आम चुनाव में पहली बार होम वोटिंग की सुविधा दी जा रही है. जिन वोटर्स ने होम वोटिंग का विकल्प चुना हैं वे 19 नवंबर तक मतदान कर पाएंगे. राजपुरोहित ने बताया कि जिले की झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 677 वोटर्स, जो कि 80 वर्ष से अधिक आयु एवं 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग श्रेणी के हैं, जिन्होंने होम वोटिंग के विकल्प को चुना है. वहीं विराटनगर विधानसभा क्षेत्र में न्यूनतम 230 वोटर्स के उक्त श्रेणियों के मतदाताओं ने होम वोटिंग की सुविधा के लिए आवेदन किया है. कुल 19 विधानसभा क्षेत्रों में 7230 वोटर्स ने इस सुविधा के लिए आवेदन किया है, जिसमें 6328 के 80 वर्ष से अधिक और 902 विशेष योग्यजन मतदाता हैं.


एक दिन में कितने वोट कास्ट करवाने
जिला निर्वाचन अधिकारी प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि एक पोलिंग पार्टियों में 5 सदस्य हैं, जिसमें माइक्रो ऑर्ब्जवर, पीआरओ, पोलिंग ऑफिसर (पीओ), कैमरा मैन और सिक्योरिटी गार्ड शामिल होता है. एक पोलिंग पार्टी से 15 से 20 वोट एक दिन में कास्ट करवाने का टारगेट दिया है. पहले चरण की ये प्रक्रिया 19 नवंबर तक चलेगी. 19 नंवबर तक अगर कोई वोटर घर पर अनुपस्थित मिलता है तो उसके पास पोलिंग पार्टियां दोबारा वोट करवाने 20 या 21 नवंबर को पहुंचेंगी. इस दौरान भी अगर वोटर नहीं मिलता है तो फिर उस वोटर का वोट निरस्त माना जाएगा. 


कैसे काम कर रहीं पोलिंग पार्टियां
दरअसल पोलिंग पार्टियां लिस्ट के अनुसार वोटर के घर पहुंचती है. वहां वोटर की पहचान के लिए मौके पर बीएलओ पहुंचता है. बीएलओ की जांच के बाद पोलिंग पार्टी घर में जाती है और वोटर से मिलकर उनके वोटर आईडी कार्ड या दूसरे दस्तावेज चेक करती है. दस्तावेज चेक करने के बाद मौके पर सुविधा जनक स्थान पर बिस्तर पर बनाया वोटिंग का कम्पार्टमेंट वोटिंग का कम्पार्टमेंट बनाया जाता है. इसके बाद वोटिंग लिस्ट में नाम सर्च करके वोटर के नाम के आगे मार्क करके उसे बैलेट पेपर और एक डिक्लीयरेशन सर्टिफिकेट दिया जाता है. 


इस सर्टिफिकेट में वोटर का नाम लिखकर उससे हस्ताक्षर या अंगूठा लगवाया जाता है. वोटर को वोट करने के लिए 5 मिनट का समय दिया जाता है. बैलेट पेपर पर वोटर को पैन से टिक करवाया जा रहा है. इससे पहले उसे पूरी प्रक्रिया समझाइ जाती है. वोटर की तरफ से वोट देने के बाद डिक्लीयरेशन सर्टिफिकेट और बैलेट पेपर लेकर एक लिफाफे में बंद करके उसे मतपेटी में डाला जाता है.


जयपुर की इन विधानसभा क्षेत्र में पहले दिन इतने मतदाताओं ने की होम वोटिंग



बहरहाल, प्रदेश में चाहे किसी की उम्र 90-95 साल की हो या कोई बिस्तर में हो किसी को चलने या किसी प्रकार की तकलीफ हो, लेकिन उनमें लोकतंत्र की इस पर्व में हिस्सा लेने का जज्बा कायम है. निर्वाचन आयोग की होम वोटिंग की इस पहल से विधानसभा चुनाव के दौरान दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं को घर से मतदान केंद्र तक पहुंचने के लिए अब किसी का इंतजार नहीं करना पड़ेगा क्योंकि इस बार विधानसभा चुनाव में होम वोटिंग की शुरूआत कर बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं की निर्वाचन आयोग लाठी का सहारा बन गया हैं.