Rajasthan Election 2023: दिव्यांग मतदाताओं ने किया 76.16 प्रतिशत मतदान, 2018 में रहा था 19.02%
Rajasthan Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव-2023 में राज्य के दिव्यांग मतदाताओं की ओर से 76.16 प्रतिशत मतदान किया गया, जो विधानसभा चुनाव 2018 के मुकाबले 4 गुना से भी अधिक है. 2018 में दिव्यांग मतदाताओं का प्रदेश में कुल 19.02 प्रतिशत मतदान रहा था. प्रदेश में इस बार सबसे अधिक मतदान बांसवाड़ा जिले में 88.96 प्रतिशत रहा.
Rajasthan Election 2023: विधानसभा चुनाव-2023 में राज्य के दिव्यांग मतदाताओं की ओर से 76.16 प्रतिशत मतदान किया गया, जो विधानसभा चुनाव 2018 के मुकाबले 4 गुना से भी अधिक है. 2018 में दिव्यांग मतदाताओं का प्रदेश में कुल 19.02 प्रतिशत मतदान रहा था. प्रदेश में इस बार सबसे अधिक मतदान बांसवाड़ा जिले में 88.96 प्रतिशत रहा. इसके बाद कोटा 85.80 प्रतिशत, करौली 85.50 प्रतिशत, अजमेर 84.58 प्रतिशत एवं हनुमानगढ में 84.18 प्रतिशत रहा.
विधानसभावार देखा जाए तो जालोर की रानीवाड़ा विधानसभा में 96.10 प्रतिशत दिव्यांग मतदाताओं ने मतदान किया, जो प्रदेश में सबसे आगे है. सांचौर में 96.05 प्रतिशत, खाजुवाला में 94.24 प्रतिशत, बांसवाड़ा में 92.76 प्रतिशत एवं सांगोद में 92.69 प्रतिशत दिव्यांग मतदाताओं ने मतदान किया. दिव्यांग मतदाताओं के सबसे कम मतदान प्रतिशत सिरोही में 60.75 प्रतिशत, झुंझुनू जिले में 63.79 प्रतिशत, भरतपुर में 66.02 प्रतिशत, डूंगरपूर 66.71 प्रतिशत एवं बीकानेर में 69.52 प्रतिशत रहा. विधानसभा क्षेत्र सिरोही में सबसे कम 30.12 प्रतिशत मतदान रहा. इसके बाद नोखा 43.45 प्रतिशत, लूणकरणसर 44.48 प्रतिशत, अंता 46.41 प्रतिशत एवं फलोदी में 53.52 रहा.
दिव्यांग मतदाताओं की सुविधा के लिए किए थे विशेष इंतजाम
प्रदेश में विधासनभा चुनाव 2023 के दौरान दिव्यांगजनों की सुविधा के लिए निर्वाचन विभाग की ओर से विशेष इंतजाम किए गए थे. घर से मतदान केन्द्र तक लाने ले जाने के लिए इन सभी मतदाताओं को विभाग की ओर से परिवहन सुविधा उपलब्ध करायी गयी. साथ ही दिव्यांग मतदाताओं कि सुविधा हेतु प्रत्येक मतदान केन्द्र पर रैम्प, व्हीलचेयर, ब्रेल डमी बैलट शीट की सुविधा उपलब्ध कराई गई. इसी के साथ मतदान केन्द्र पर मूक बधिर मतदाताअें की सुविधा हेतु बेसिक साइन लैंग्वेज में प्रशिक्षित एनसीसी/एनएसएस/स्काऊट-गाइड वॉलेन्टियर्स को भी लगाया गया.
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इन वॉलेन्टियर्स को व्हील चेयर हैण्डलिंग का प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया. इन सभी व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किये जाने हेतु प्रत्येक जिले में विशेष नोडल अधिकारी की नियुक्ति भी की गई. इन अधिकारियों की ओर से प्रत्येक मतदान केन्द्र पर यह व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गईं. मतदान केन्द्र स्थल पर भी दिव्यांगजन को मतदान हेतु प्रेरित करने हेतु विशेष टीमों का गठन किया गया था.