Banswara: बांसवाड़ा जिले में 108 एंबुलेंस में डीजल खत्म होने से मरीज की हुई मौत का मामला गंभीर होता जा रहा है. तीन दिन पुराने मामले में चिकित्सा विभाग के आला अधिकारी हकीकत जानने के लए मृतक के दामाद के घर पहुंच गए हैं. बेटी मौत के बाद उसके पिता के घर प्रतापगढ़ में है, जबकि दामाद REET की पढ़ाई को लेकर यहां बांसवाड़ा आ चुका है. दामाद ने टीम रवानगी की सूचना पर गांव पहुंचने की बात जरूर कही है.


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फिलहाल बांसवाड़ा CMHO डॉ. हीरालाल ताबीयार, RCHO डॉ. गणेश मईड़ा, महात्मा गांधी जिला अस्पताल के PMO डॉ. खुशपालसिंह की टीम दानपुर थाने के भानपुरा गांव तक पहुंची. वहीं विभाग के जोइंट डायरेक्टर (उदयपुर) भी जांच के लिए बांसवाड़ा पहुंचे हैं. चार जनों की ये कमेटी रिपोर्ट बनाकर निदेशालय को भेजेगी. इधर गरमाए हुए मुद्दे को लेकर बांसवाड़ा SDM प्रकाशचंद्र रैगर भी जांच के लिए मौके पर पहुंचे. इधर, मौत के मामले को लेकर ही प्रतापगढ़ चिकित्सा विभाग की एक टीम सूरजपुरा (सेमलिया) जिला प्रतापगढ़ निवासी मृतक तेजिया गणावा (40) के घर पहुंची है.


वहां पर टीम की ओर से मृतक की पुरानी बीमारी से जुड़ी हिस्ट्री तलाशने के प्रयास किए जा रहे हैं. जैसे कि युवक कबसे बीमार था. उसको काैन-कौन सी बीमारियां थी. वह बीमारी के दौरान किस तरह से जीवन यापन कर रहा था. हालांकि, परिवार में अभी गम का माहोल चल रहा है. जांच दल के सामने पीड़ित परिवार ने कहा कि जिला अस्पताल से करीब 5 KM पहले एंबुलेंस खराब हुई थी. उस समय दामाद मुकेश मईड़ा बाइक से एंबुलेंस के साथ चल रहा था. तभी एंबुलेंस में डीजल खत्म होने की जानकारी मिली. इसके बाद एंबुलेंस के पायलेट ने जेब से 5 सौ रुपए दिए थे.


तब मुकेश पंप से डीजल लेकर वापस आया था. विभाग ने इस बिन्दु को रिकॉर्ड किया. टीम मृतक की तत्कालीन स्थिति का सच जानने के लिए घोड़ी तेजपुर PHC भी पहुंची, जहां ECG मशीन के अभाव में मरीज को छोटी सरवन CHC रैफर किया गया था, लेकिन परिवार उसे CHC ले जाने की बजाय सीधे जिला अस्पताल ले गया था. इधर, एंबुलेंस में हुई मौत का मामला प्रशासन के लिए भी गलफांस बन गया है. मामले में डीएम प्रकाश चंद्र शर्मा के निर्देशन में बांसवाड़ा SDM प्रकाशचंद्र रैगर के साथ दूसरे प्रशासनिक अधिकारी भी मृतक के दामाद के घर जांच के लिए पहुंचे. वहां से आवश्यक जानकारी जुटाने के प्रयास किए. पूछा कि युवक को पहले से कोई बीमारी थी. कोई ऑपरेशन हुआ था. जवाब में परिवार ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं था. वह खेत पर जाने के दौरान एकदम से नीचे गिर गए थे.


यह है मामला


सूरजपुरा (सेमलिया) जिला प्रतापगढ़ निवासी तेजिया गणावा (40) बेटी के ससुराल भानुपरा (बांसवाड़ा) आए थे.यहां करीब तीन दिन तक वह बेटी और नाती के साथ रहे. गुरुवार को अचानक तेजपाल खेत में खड़े-खड़े गिर गए. पिता की खराब तबीयत की जानकारी बेटी ने पति मुकेश मईड़ा को दी. उसने सबसे पहले एंबुलेंस 108 को फोन किया.खुद भी बाइक लेकर उसके घर के लिए रवाना हुआ.


सुबह 11 बजे हुई घटना की सूचना पर मुकेश 12 बजे उसके गांव पहुंच गया, लेकिन एंबुलेंस सवा घंटे बाद पहुंची. परिवार ने मरीज को सीधे जिला अस्पताल ले जाने का फैसला लिया.एंबुलेंस मरीज को लेकर रतलाम रोड पर टोल के आगे पहुंची और धक्के लेकर बंद हो गई. पता चला डीजल खत्म हो गया है. एंबुलेंस के पायलेट ने पांच सौ रुपए देकर पेशेंट के रिश्तेदार को बाइक से डीजल लेने के लिए भेजा. डीजल लेकर आने में समय लगा.


परिजन बाइक की मदद से डीजल लेकर वहां पहुंचे, लेकिन एंबुलेंस चालू नहीं हुई.एंबुलेंस को चालू करने के लिए परिवार ने करीब एक किलोमीटर तक धक्का भी मारा. थक हारकर परिवार ने एंबुलेंस के ड्राइवर के आगे हाथ फैलाए और दूसरी एंबुलेंस मंगाने को कहा. इसके बाद परिवार के कहने पर एंबुलेंस चालक ने दूसरे चालक को फोन कर दूसरी एंबुलेंस बुलाई.तब कहीं 40 मिनट के अंतराल में दूसरी एंबुलेंस मौके पर पहुंची. मरीज को लेकर एमजी चिकित्सालय पहुंचे जहा पर डॉक्टर ने मरीज को मृत घोषित किया यह पूरा मामला दो दिन पुराना है, लेकिन इसके वीडियो अब सामने आए हैं.


मृतक के परिजन ने बताया की 108 एंबुलेंस पहले तो लेट आई,आई तो भी रास्ते में डीजल खत्म हो गया था,हमने डीजल लाकर दिया फिर भी डीजल डालने के बाद एंबुलेंस शुरू नहीं हुई तो हमने धक्का लगाया फिर भी गाड़ी शुरू नहीं हुई,तो करीब चालीस मिनट बाद दूसरी एंबुलेंस आई. बांसवाड़ा CMHO डॉ. हीरालाल ताबीयार ने कहा कि वह टीम के साथियों के साथ मौके पर रवाना हो चुके हैं, जो भी सच सामने आएगा उसकी रिपोर्ट निदेशालय को देंगे. खबर के हिसाब से गलती एंबुलेंस संचालक की दिख रही है, जो भी होगा. उससे उच्चाधिकारियों को अवगत कराएंगे.


 


Reporter- Ajay Ojha


 


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