Banswara News: राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में अक्टूबर में रबी फसल बुवाई के साथ खेतों में गहरा रहे यूरिया संकट से हैरान किसानों ने बांसवाड़ा शहर के KVSS के बाहर बीते दिन हंगामा कर दिया. यहां पहुंचे 40 मैट्रिक टन यूरिया के बंटवारे को लेकर हंगामा तब हुआ, जब किसान घंटों से कतारों में खड़े रहे, लेकिन उन्हें स्पष्ट जवाब देने वाला कोई प्रतिनिधि नहीं मिला. 


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सुबह से शुरू हुई कतार धीरे-धीरे लंबी होती गई. फिलहाल आपूर्ति और उपलब्धता को देखते हुए KVSS प्रबंधन ने प्रति किसान दो से तीन बोरी यूरिया देने का निर्णय किया, लेकिन भीड़ में कुछ ऐसे भी किसान थे, जिन्हें केवल एक बोरी यूरिया की जरूरत थी. यहां मौजूद किसानों ने आरोप लगाया कि वह छोटे स्तर के किसान हैं, जिनके पास एक बीघा से लेकर 5 बीघा तक जमीनें हैं. KVSS प्रबंधन की ओर से छोटे किसानों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है, जबकि बड़े किसानों को उनकी सुविधा अनुसार यूरिया पहले से उपलब्ध करा दिया जाता है.


सहकारिता विभाग के 3 KVSS
सहकारिता विभाग (कॉओपरेटिव सिस्टम) के अधीन जिले को तीन KVSS में बांटा हुआ है. बांसवाड़ा KVSS के हिस्से में बांसवाड़ा, कुशलगढ़ और घाटोल उपखंड क्षेत्र आता है. वहीं दूसरा गढ़ी और तीसरा बागीदौरा KVSS है. इस हिसाब से केवल सहकारिता विभाग की ओर से जिले में किसानों को रबी के दौरान 10 हजार मैट्रिक टन यूरिया उपलब्ध कराया जाता है, इसमें बांसवाड़ा उपखंड के किसानों की जरूरत करीब 500 मैट्रिक टन है.


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आंकड़े
- बांसवाड़ा KVSS के किसानों को रबी फसल के लिए 500 मैट्रिक टन यूरिया की जरूरत है.
- इसमें खरीफ फसल के दौरान आई खाद का 245 मैट्रिक टन यूरिया स्टॉक में था.
- अक्टूबर माह में 150 मैट्रिक टन यूरिया आया था, जो बड़े किसानों में बंट गया.
- शुक्रवार को नवंबर माह का पहला स्टॉक आया है, इसमें 40 मैट्रिक टन से शुरूआत हुई है.
- शुक्रवार से चित्तौड़गढ़ रेलवे स्टेशन पर रैक (स्टॉक) आने लगा है. शनिवार से बाकी की यूरिया सप्लाई होगी.
- नवंबर में करीब 200 मैट्रिक टन यूरिया और मंगाया जाएगा.
- इसके अलावा जिले के किसानों को 1 हजार मैट्रिक टन DAP (डाई अमोनियम फास्फेड) की जरूरत होती है.


बांसवाड़ा KVSS के प्रबंधक प्रदीपसिंह राठौड़ ने बताया कि अभी नंवबर माह के स्टॉक की आपूर्ति शुरू हुई है. चित्तौड़गढ़ में रैक लग गई है, कुछ दिनों में खाद की समस्या समाप्त हो जाएगी. बड़े किसान जिनके पास 10 बीघा से ज्यादा जमीन है, वह एडवांस स्टॉक कर लेते हैं और उनके लिए अलग कोई नियम नहीं है.


Reporter: Ajay Ojha


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