बारां: किसानों में भारी आक्रोश, बोले- चुनाव आने दो देख लेंगे सरकार को
Mangrol News: बारां के मांगरोल की धान मंडी परिसर में खाद लेने के लिए किसानों की लंबी-लंबी कतारें लग गई, जिसमें से कुछ किसानों को खाद मिला कुछ को नहीं.
Mangrol News, Baran: राजस्थान के बारां के मांगरोल की धान मंडी परिसर में कृषि विपणन सहकारी समिति के द्वारा किसानों को प्रति किसान को 5 कट्टे वितरण किए जा रहे है. इस सूचना पर तहसील क्षेत्र के सैकड़ों किसान कृषि उपज मंडी मांगरोल में जमा हुए.
किसानों की लंबी-लंबी कतारें लग गई, जिसके चलते किसान भूखे प्यासे लाइनों में लगे रहे, लेकिन कुछ ही किसानों को खाद उपलब्ध हो पाया और खाद वितरक हरिमोहन नागर द्वारा खाद खत्म हो जाने की बात बताकर दुकानदार शटर खींच कर चला गया. इसके चलते किसानों में आक्रोश पैदा हो गया. राज्य सरकार और स्थानीय विधायक एवं खान गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए किसानों ने धान मंडी परिसर के सामने जाम लगा दिया.
ढाई घंटे तक चले विरोध-प्रदर्शन और जाम के बाद भी मौके पर केवल कार्यवाहक तहसीलदार पृथ्वीराजसिंह ही पहुंच पाए, जबकि पुलिस के जवान भी बिना थानाधिकारी के ही मौजूद रहे और किसानों से मशक्कत करते नजर आए. इसके चलते किसानों ने गहरा आक्रोश व्यक्त करते हुए राज्य सरकार पर किसानों की उपेक्षा और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया.
किसानों के प्रदर्शन में पूर्व विधायक ललित मीणा भी जाम में फंसे होने के कारण धरना स्थल पर जा कर बैठ गए. इसके बाद भी समस्या का समाधान होता नहीं देख पुलिस वालों ने किसानों पर दबाव बनाकर जाम हटवा दिया. कृषि पर्यवेक्षक के माध्यम से किसानों को खाली टोकन पर्ची जारी की गई और यह आश्वासन दिया गया कि जब भी खाद उपलब्ध होगा, उनको इस टोकन के माध्यम से साथ खाद वितरण कर दिया जाएगा. किसान रात 8 बजे तक भूखे-प्यासे रहकर अपने घर को बिना खाद लिए वापस लौटे.
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लाइन में लगी हुई महिलाओं ने भी सरकार को किसान विरोधी करार देते हुए चुनावों में देख लेने की बात कही. किसानों ने आरोप लगाया कि कृषि उपज मंडी खाद की कालाबाजारी की गई. वहीं, प्राइवेट खाद डीलरों की मनमानी करने का आरोप लगा रहे हैं.
किसानों ने मौके पर ही खाद वितरण हरिमोहन नागर को बुलाकर खाद गोदाम दिखाने की मांग की, लेकिन कृषि सुपरवाइजर शिव प्रकाश मीणा द्वारा बार-बार कॉल करने और तहसीलदार की समझाइस के बावजूद भी गोदाम के ताले नहीं खोले गए, जिससे किसानों में आक्रोश बढ़ गया और किसानों ने जमकर नारे लगाने शुरू कर दिए.
Reporter-Ram Mehta