Baran: बारां के छीपाबड़ौद क्षेत्र के हरनावदाशाहजी कस्बे में सहकारी समिति द्वारा संचालित मिनी बैंक में हुए गबन के मामले में कुर्कशुदा जमीन की नीलामी बोली लगवाने के लिए विभाग एक बार फिर धूल में लट्ठ मारने वाली कहावत को चरितार्थ करता नजर आ रहा है. क्योंकि जिस जमीन की नीलामी होने वाली है, उस पर कब्जा किसी और का हो रहा है. ऐसे में जिम्मेदारों द्वारा नीलामी के नाम पर पूर्व में भी तीन चार बार खानापूर्ति की जा चुकी है.


महज खानापूर्ति


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हरनावदाशाहजी कस्बे में सहकारी समिति द्वारा संचालित मैंने बैंक में करीब एक दशक पहले हुए गबन के मामले में विभाग ने दोषी तत्कालीन व्यवस्थापक कैलाश वैष्णव की करीब 4 बीघा जमीन रांई गांव में कुर्क की थी. इस जमीन को नीलाम करने के लिए विभाग पहले भी तीन बार बोली लगवा चुका है, लेकिन वह महज खानापूर्ति ही बनकर रह गई. क्योंकि जिस जमीन के लिए विभाग बोली लगवा कर बड़ा खर्चा करता रहा है. शुरू में तो उस जमीन का विभाग के पास सीमा ज्ञान तक नहीं था, बाद में सीमा ज्ञान हो गया लेकिन कब्जा किसी और का बना हुआ है.


ऊपर से दबाव आ रहा 


विभागीय अधिकारी इस अवैध कब्जे के मामले में सफाई दे रहे हैं कि उन्होंने जिला कलेक्टर से लेकर उपखंड अधिकारी एवं तहसीलदार को कई बार पत्र लिखकर दिए हैं. लेकिन अभी तक अवैध कब्जा नहीं हट पाया जबकि उनके ऊपर नीलामी बोली लगवाने का ऊपर से दबाव आ रहा हैं. ऐसे में आदेश की पालना में नीलामी बोली लगवाई जा रही है.


इधर ग्राम सेवा सहकारी समिति के अध्यक्ष केदार लाल नागर ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर इस नीलामी बोली को लगाने से पहले जमीन पर से कब्जा हटवाने की मांग की है. जिला कलेक्टर को लिखे पत्र में बताया कि तत्कालिक व्यवस्थापक कैलाश वैष्णव पर भारी अनियमितताएं एवं दोष सिद्ध होने के बाद लोगों की लाखों रुपए की जमा पूंजी अटकी पड़ी है.


 दूसरे व्यक्ति ने कब्जा कर रखा


उन्होंने बताया कि जिस जमीन को विभाग नीलाम करने की तैयारी कर रहा है, उस पर किसी दूसरे व्यक्ति ने कब्जा कर रखा है ऐसे में वहां से कब्जा हटवा कर मौका मजिस्ट्रेट नियुक्त करवा कर विधिवत नीलामी बोली लगवाई जाए ताकि लंबे समय से अपनी ही जमा पूंजी का इंतजार कर रहे. उपभोक्ताओं को उनकी बकाया राशि का भुगतान समय पर किया जा सके.


 तीन बार नीलामी बोली लग चुकी 


जमीन पर कब्जा हटवाने के लिए जिला कलेक्टर,उपखंड अधिकारी व तहसीलदार को कई बार पत्र लिख चुके हैं, लेकिन राजस्व विभाग ने कोई मदद नहीं की और कब्जा नहीं हटाया गया.जबकि हमारे पास लिखित आदेश है जिसकी पालना में जमीन की नीलामी बोली 27 जून को करवाई जानी है.पहले भी तीन बार नीलामी बोली लग चुकी है लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला जबकि एक बार तो मुझे कब्जा धारी के पुत्र ने जान से मारने की धमकी तक दे डाली जिसके विरुद्ध डीएसपी को परिवाद दिया था.


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