Baran: राजस्थान के बारां जिले में जलझूलनी एकादशी से शुरू होने वाले डोल मेला नगर परिषद की उदासीनता को भेंट चढ़ता नजर आ रहा है. 7 सितंबर से शुरू होने वाले मेले में अब तक दुकानों का आवंटन नहीं हुआ है, दूर-दराज से आकर यहां डेरा डाले दुकानदार परेशान नजर आ रहे हैं. 


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जलझूलनी एकादशी से शुरू होने वाले बारां जिले के ऐतिहासिक डोल मेला को भरवाने की जिम्मेदारी नगर परिषद की होती है, लेकिन इस मेले को शुरू करवाने से पहले ही नगर परिषद की खासी लापरवाही सामने आ रही है. 


नगर परिषद द्वारा अब तक यहां दुकानों तक की नपाई और आवंटन का काम पूरा नहीं किया गया है. यहां हर साल करीब 540 दुकानें लगती हैं, इन दुकानों को लगाने के लिए उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत राज्य के अन्य जिलों से भी दुकानदार यहां अपना सामान लेकर बीते दो-तीन दिनों से डेरा डाले हुए हैं, लेकिन नगर परिषद द्वारा दुकान लगाने की जगह न मिलने के चलते दुकानदार खुले आसमान में अपने माल को पटक बैठे हुए हैं. 


अब इन परेशान व्यापारियों को दुकान जमाने और माल के खराब होने की चिंता सता रही है. वहीं, गाजियाबाद से आए झूला संचालक ने नगर परिषद और स्थानीय लोगों पर दुकान आवंटन में नाजायज परेशान करने का आरोप लगाया है. 


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मेले के आयोजन को लेकर नगर परिषद प्रशासन और जनप्रतिनिधियों में भी खींचतान नजर आ रही है. मेला अध्यक्ष प्रदीप विजय का कहना है कि नगर परिषद आयुक्त द्वारा कहने के बावजूद भी पर्याप्त स्टाफ की नियुक्ति नहीं की गई है, जिसके चलते दुकानों का आवंटन करने में समय लग रहा है. बता दें कि बारां डोल मेले का अपना एक ऐतिहासिक महत्व है यहां 15 दिनों तक डोल तालाब के किनारे भव्य मेले का आयोजन होता है, जहां बारां जिले समेत मध्य प्रदेश तक के ग्रामीण खरीदारी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लेने आते हैं. 


Reporter- Ram Mehta 


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