Baran News: फर्जी बैंक अधिकारी बनकर की 20 लाख की ठगी, 2 आरोपी गिरफ्तार
Fatehpur News: बारां के निवासी युवक से लोन दिलाने के नाम पर 20 लाख रुपए की साइबर ठगी के मामले में पुलिस ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस आरोपियों से ठगी की राशि बरामदगी के लिए प्रयास कर रही है.
Baran News: राजस्थान में बारां जिले के निवासी फरियादी देवीशंकर नागर पुत्र पन्नालाल नागर ने जून 2023 में साइबर थाने में एक रिपोर्ट दर्ज करवाई थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि मेघा, माला, सिबु, कोमल, सचिन और पुनीत नाम के लोगों ने षड्यंत्र पूर्वक उसे कम ब्याज दर पर पर्सनल लोन पास कराने और जमा कराए गए विभिन्न प्रकार के चार्ज की राशि वापस लौटाने का झांसा दिया और उससे फर्जी बैंक अधिकारी बनकर कुल 20 लाख 65 हजार 226 रुपए की ठगी कर ली. पुलिस ने पीड़ित की रिपोर्ट के आधार मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी. अब पुलिस ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी है.
गाजियाबाद के एक फ्लैट से 2 आरोपी गिरफ्तार
जानकारी के अनुसार, साइबर थाना पुलिस ने तकनीकी जांच कर पीड़ित के बैंक खाते और ठगी में प्रयोग किए गए बैंक खातों की डिटेल, केवाईसी मय बैंक खाता ओपनिंग फॉर्म आदि प्राप्त की गई. इन खातों के साथ जुड़ी ईमेल आईडी की डिटेल गूगल से प्राप्त की गई. साथ ही आरोपियों के मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल और फेक आईडी आदि जानकारियां जुटाई. जांच के बाद बैंक रिकार्ड और तकनीकी अनुसंधान से ठगी की वारदात को अंजाम देने में यूपी के गाजियाबाद निवासी पुनीत कुमार, विकास कुमार, देवांश सक्सेना सोनी खातून और अन्य का नाम सामने आया. इसके बाद आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित कर संदिग्ध ठिकानों पर तलाशी की गई. पुलिस टीम ने यूपी के हापुड़ के मोहम्मदपुर रुस्तमपुर निवासी आरोपी विकास कुमार और पुनीत कुमार पुत्र जयपाल सिंह निवासी मोहम्मदपुर रुस्तमपुर जिला हापुड़ उत्तर प्रदेश को गोविंदपुरम गाजियाबाद के एक फ्लैट से डिटेन किया.
आदित्य बिरला कैपिटल की कर्मचारी बनकर दिया झांसा
एसपी राजकुमार चौधरी ने बताया कि रिपोर्ट में बताया गया था कि जून 2022 में एक लड़की ने आदित्य बिरला कैपिटल की कर्मचारी बनकर उसे अन्य बैंकों की तुलना में कम ब्याज दर पर लोन स्वीकृत कराने का ऑफर दिया. लड़की ने फाइल चार्ज के नाम पर कुछ रुपए मांगे. इसके बाद 10 लाख 70 हजार रुपए का लोन पास होने की बात कहकर लोन क्लीयरेंस के नाम पर करीब 2 लाख 50 हजार रुपए की राशि अपने खाते डलवा लिया. फिर इसीएस और अन्य चार्ज के नाम पर अलग-अलग यूपीआई नंबरों पर करीब ढाई लाख रुपए की राशि ली. इसके बाद अन्य बैंक अधिकारी पुनीत और विकास ने फाइल कैंसिल कराने और धनराशि वापस लौटाने के नाम पर कई तरह के चार्ज बताकर और झांसा देकर उससे करीब साढ़े 12 लाख रुपए किस्तों में ऑनलाइन डलवा लिए.
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