Baran: बारां में वेतन और भत्तों की विसंगतियों को दूर करने और साल 2017 में राज्य सरकार से हुए समझौते को लागू करने की मांग को लेकर शुक्रवार से जेल प्रहरियों अनिश्चितकालीन मैस का बहिष्कार जारी है. जेल प्रहरी अन्न का त्याग करके बिना कुछ खाए ही ड्यूटी दे रहे हैं. जिसके चलते बारां में जेल प्रहरी मोहन सिंह डागोर की तबीयत बिगड़ने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है.


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मैस के बहिष्कार के दौरान अखिल राजस्थान राज्य संयुक्त कर्मचारी महासंघ एकीकृत के कोटा संभाग अध्यक्ष डॉ. रनजीत मीणा भी मौजूद रहे. मीणा ने कहा कि सरकार को जेल प्रहरियों की मांगों को मानना चाहिए. वेतन विसंगति दूर करने के आन्दोलन में अखिल राजस्थान राज्य संयुक्त कर्मचारी महासंघ एकीकृत ने समर्थन दिया है. जेल प्रहरी राहुल संत, दीपक गौतम सहित अन्य जेल प्रहरियों का कहना है कि जब तक मांगे पूरी नहीं होंगी, तब तक भूख हड़ताल जारी रहेगी.


जेल प्रहरी नरपत सिंह ने बताया कि सरकार और उनके विभाग के बीच यह बात 1997-98 से चली आ रही है. कर्मचारियों की शुरू से ही कई मांगें रही हैं. कारागृह कार्मिकों की मांग है कि जेल पर ही तैनात आरएसी (जेल सुरक्षा) के पदनाम के अनुसार कारागृह कर्मियों को समान सैलरी, भत्ता और अन्य सुविधाएं दी जाएं. कर्मचारियों को 25 छुट्टियां बढ़ाकर मूल वेतन का 12 प्रतिशत कर दिया जाए. रोडवेज पास लागू किया जाए. कैंटीन की सुविधा भीढ़ी जानी चाहिए. प्रहरी और मुख्य प्रहरियों को वीकली ऑफ में मुख्यालय छोड़ने की परमिशन दी जाए. 


राजस्थान के सभी उप कारागृह पर एक लागरी की व्यवस्था की जाए . मैस भत्ता पांच हजार रुपए प्रतिमाह किया जाए सहित अन्य मांगे रखी गई थीं. साल 2017 में जो समझौता हुआ था, उसे लागू किया जाए. उन्होंने बताया कि करीब एक पखवाड़े पूर्व जेलकर्मियों ने हाथ पर काली पट्टी बांधकर विरोध जताते हुए मैस के बहिष्कार की चेतावनी दी थी.


Reporter-Ram Mehta


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