Baran News: बारां के मोठपुर पुलिस ने शुक्रवार दोपहर बाद को पायलट समर्थक कांग्रेस नेता नरेश मीणा व उसके दो साथियों को राजकार्य में बाधा पहुंचाने और सार्वजनिक रूप से उपद्रव करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश
बता दें कि पुलिस ने शाम को तीनों को अटरू न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया, जहां से उन्हें 14 दिन के न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. न्यायिक मजिस्ट्रेट ने दो आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी, जबकि मीणा जमानत के लिए अर्जी नहीं लगाई.


पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की


पुलिस के नोटिस के बाद नरेश मीणा ने शुक्रवार सुबह अपने समर्थकों के साथ मोठपुर थाने पहुंचे थे. पुलिस ने समर्थकों को थाने के बाहर ही रोक दिया. मीणा की गिरफ्तारी की सूचना मिलने पर समर्थकों ने मोठपुर में बाजार बंद करा दिए. उन्होंने सड़क पर टायर जला प्रदर्शन किया. उन्होंने स्थानीय मंत्री और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. मोठपुर कस्बे व अटरू न्यायालय के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस जवान तैनात रहे.


पुलिस ने कांग्रेस नेता नरेश मीणा की मोठपुर थाने में शुक्रवार को हिस्ट्रीशीट खोल दी. जिला पुलिस अधीक्षक राजकुमार चौधरी ने बताया कि मीणा के खिलाफ बारां और जयपुर जिले के विभिन्न थानों में डेढ़ दर्जन प्रकरण दर्ज हैं. इनमें मारपीट, आगजनी और रास्ता रोकने जैसे अपराध शामिल हैं. गत सात सितम्बर को ही मीणा और पचास अन्य के खिलाफ अटरू थाने में प्रकरण दर्ज हुआ था.


अटरू पुलिस उपाधीक्षक अजीत मेघवंशी ने बताया कि गत 17 अगस्त को मोठपुर थाना के कालातालाब क्षेत्र में कांग्रेस नेता दिनेश मीणा झारखंड की मारपीट के बाद मौत हो गई थी. उसकी मौत से गुस्साए लोगों ने नरेश मीणा के नेतृत्व में उग्र प्रदर्शन किया था. उन्होंने रास्ता जाम कर दिया था तथा एक निजी बस जला दी थी. इस मामले में नरेश मीणा, ननावता निवासी सूरजमल मीणा, हाथीदिलोद निवासी मोनू समेत कई के खिलाफ राजकार्य में बाधा पहुंचाने, उपद्रव, आगजनी, रास्ता जाम करने की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया था.


मोठपुर पुलिस ने इस मामले में नरेश, सूरजमल और मोनू को नोटिस देकर शुक्रवार को पूछताछ के लिए थाने बुलाया था. तीनों आरोपी शुक्रवार सुबह दस बजे थाने में पहुंच गए थे. यहां इन्हें करीब तीन घंटे तक पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया. मोठपुर थाने से पुलिस तीनों को लेकर अटरू पहुंची. यहां उन्हें न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.


अटरू न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष आरोपी सूरजमल व मोनू ने ही जमानत के लिए अर्जी पेश की. नरेश ने अर्जी नहीं लगाई. न्यायिक मजिस्ट्रेट ने दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद सूरजमल और मोनू की जमानत अर्जियों को खारिज कर दिया. इस आदेश के बाद सूरजमल व मोनू की ओर से अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय अटरू में जमानत के लिए अर्जी पेश की गई. इस दौरान अटरू में भारी पुलिस बल तैनात रहा.


ये भी पढ़ें-


Rajasthan Politics: सनातन धर्म मामले में गजेंद्र सिंह का भाषण हुआ वायरल, ओवैसी ने मंत्री पर उठाए सवाल


हां, इस उपाय से कभी नहीं होगी डायबिटीज!जिनको है उनकी रहेगी कंट्रोल