बारां में बर्बाद हुई सोयाबीन की फसल, किसानों की बढ़ी परेशानी
बारां के किशनगंज तहसील क्षेत्र के रामगढ़ इलाके में अधिकांश खेतों में खड़ी सोयाबीन की फसल खराब हो गई है, जिन खेतों में सोयाबीन फसल अच्छी दिखाई दे रही थी.
Baran: राजस्थान के बारां के किशनगंज तहसील क्षेत्र के रामगढ़ इलाके में अधिकांश खेतों में खड़ी सोयाबीन की फसल खराब हो गई है, जिन खेतों में सोयाबीन फसल अच्छी दिखाई दे रही थी. वह दोपहर में धूप निकलने के बाद मुरझाकर सूख गई.
रामगढ़ गांव के अलावा पीपल्दा कलां, पीपल्दा खुर्द, अर्जुनपुरा, असनावर, थाना, ब्रिजनगर आदि गांव के खेतों में भी यही स्थिति बनी हुई है. रामगढ़ के किसान चंद्र प्रकाश स्वामी ने बताया कि पहले खेतों में कहीं कहीं पीले टांके दिखाई दे रहे थे लेकिन धूप निकलने के पश्चात पौधे मुरझाने लग जाते हैं.
किसान स्वामी ने बताया कि अत्यधिक वर्षा से खेत में लगातार पानी भरा रहा और सोयाबीन में जड़ सड़न प्रारंभ हो गया. कीटनाशक के साथ अन्य उपाय भी किए गए, लेकिन पिछले सप्ताह हुई वर्षा के बाद अब खेत में पौधे मुरझाने लगे हैं. कुछ ही दिन में सारे खेत में फसल पीली हो जाने की आशंका है. क्षेत्र में सैकड़ों एकड़ में लगी सोयाबीन की फसल अनजान बीमारी से ग्रसित होकर सूखने लगी है.
प्रति बीघा 15000 रुपये का खर्चा करके सोयाबीन की फसल की बुवाई की थी, जिसमें बुवाई के समय से तब तक हजारों रुपये की दवाएं की जा चुकी है. फसल में फूलों के बाद फलियां आने से किसान इस वर्ष बंपर पैदावार होने की अनुमान लगा रहे थे लेकिन अचानक फसलें मुरझाकर सूख गई हैं. ऐसे में अब किसानों की लागत निकलना भी मुश्किल हो जाएगी. वही रवि की फसल के लिए खाद और बीज का जुगाड़ करना भी भारी पड़ जाएगा. सोयाबीन की फसल तबाह होने से किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.
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अब किसान प्रशासन से ही उम्मीद लगाए है कि शीघ्र ही सर्वे कर मुआवजा मिलेगा. बता दें क्षेत्र के किसानों के खेतों में लगी फसलें अचानक नष्ट हो रही है. प्राकृतिक बीमारियों से जूझ रही फसलों से किसानों को अब कोई आस नहीं है. किसानों का कहना है कि अब लागत निकलना तो दूर इसे कटाना भी महंगा पड़ेगा. ऐसे में अब किसान मदद की उम्मीद प्रशासन से लगा रहे हैं. इससे उन्हें फसलों की क्षतिपूर्ति और फसल बीमा का लाभ मिलने से नुकसान की भरपाई हो सके.
किसान मदन बसवाल, जोधराज मीणा, कांति चंद्र तिवारी, शक्ति सिंह हाडा ने बताया कि रामगढ़ क्षेत्र के सभी गांव में सोयाबीन फसल में पहले पीला मोजक जैसी बीमारी के कारण फसल में दवा की गई. इससे किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. अब सोयाबीन की फसल में जड़ गलन बीमारी हो गई है. कृषि विभाग के अधिकारियों को गांव में भेजकर बची हुई फसल की बीमारी की रोकथाम को लेकर उपचार किसानो को बताएं जाएं, जो फसल खराब हो गई है. उसका सर्वे कर किसानों को राहत राशि दी जाए. यदि किसानों की समस्या पर ध्यान नहीं दिया जाता है, तो किसानों के साथ मिलकर उग्र आंदोलन किया जाएगा.
Reporter- Ram Mehta
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