Gudamalani: बाड़मेर जिले के गुडामालानी क्षेत्र में तेल और गैस उत्खनन में काम कर रही केयर्न और वेदांता कंपनी द्वारा पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचाने को लेकर बड़ी लापरवाही सामने आई है. कंपनी की ओर से वेल पेड से क्रूड को अलग करने के बाद पीछे बचने वाले खतरनाक अपशिष्ट को खुले में डालकर पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा है. 


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दुर्गंध के कारण हवा में जहर घुलता नजर आ रहा है, इतना ही नहीं दुर्गंध की वजह से आस-पास रहने वाले लोगों के लिए रहना भी दूभर हो चुका है और कई प्रकार के संक्रमण फैलने की भी आशंका बनी हुई है. तेल उत्खनन क्षेत्र में काम करने वाली केयर्न वेदांता कंपनी पर्यावरण के नियमों को धता बताकर लगातार वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी के विधानसभा क्षेत्र के स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही है. 


स्थानीय लोगों का कहना है कि दिन में कई बार ट्रक भरकर अपशिष्ट पदार्थों को ले जाया जाता है. दुर्गंध की वजह से श्वास लेने में भी समस्याएं झेलनी पड़ती है. कई बार कंपनी के अधिकारियों को कहा गया लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं की जा रही है. जानकारी के अनुसार यह एक ऐसा खतरनाक अपशिष्ट पदार्थ है, जो सीमेंट फैक्ट्री में काम लिया जा सकता है, लेकिन केयर्न और वेदांता कंपनी की लापरवाही के चलते इस खतरनाक अपशिष्ट को खुले में जमीन पर डालकर पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा है. 


ग्रामीणों की सूचना के बाद जब जी मीडिया की टीम मौके पर पहुंची तो आरजीटी के नया नगर गांव में एक स्थान पर अलग-अलग वेलपेड से बिना किसी सुरक्षा के ट्रक भरकर खतरनाक अपशिष्ट पदार्थ को खुले में लाकर डाला जा रहा था, जहां जेसीबी मशीन लगाकर खतरनाक अपशिष्ट पदार्थ पर मिट्टी डालकर छुपाने की भी कोशिश की जा रही थी. पूरे मामले को लेकर जब कंपनी के अधिकारियों से बात करनी चाही, लेकिन किसी भी अधिकारी ने जवाब देना उचित नहीं समझा. 


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मामले को लेकर जब वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी से बात की तो उन्होंने कहा कि केयर्न और वेदांता कंपनी द्वारा खतरनाक अपशिष्ट पदार्थ को खुले में डाले जाने का मामला मेरे संज्ञान में आया है, जो पर्यावरण के लिए नुकसानदायक है. किसी भी सूरत में पर्यावरण को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा. कमेटी गठित कर जांच करवाएंगे और अगर गलत हो रहा है, तो उन्हें किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा और उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.


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