Barmer News: भारत व पाकिस्तान की जेलों में साढ़े तीन साल कैद रहने के बाद आखिरकार गेमराराम रिहा होकर अपने घर पहुच गया है. रिहा होने के बाद गेमरा राम की खुशी का कोई ठिकाना नहीं है. जेल से बाहर निकलते उसको लेने पहुंचे परिजनों व रिश्तेदारों के पांव छूकर आशीर्वाद लिया. गेमराराम का कहना है कि जिंदगी की नई सिरे से शुरुआत करेंगे. वहीं, परिवार की हालत ठीक नहीं है. ऐसे में वह बुजुर्ग मां व परिवार की देखभाल करेगा. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

गलती से पार की दी थी भारत की सीमा 
गेमराराम ने बताया कि 5 नवंबर 2020 की रात्रि को वह भूल वंश रास्ता भटक कर सीमा पार कर पाकिस्तान चला गया था, जिसके बाद पाक रेंजर ने उसे पकड़ कर यातनाएं दी. इसके बाद जेल में भारतीय कैदियों के साथ बंद कर दिया. 28 महीने पाकिस्तान की जेल में बीतने के बाद स्थानीय नेताओं व भारत सरकार के प्रयासों से रिहा हुआ और 14 फरवरी 2023 को वह वाघा अटारी बॉर्डर के रास्ते भारत पहुंचा, तो उसको पता चला कि भारत में भी उसके खिलाफ उसके पड़ोसियों ने पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज करवा रखा है. भारत पहुंचने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने पूछताछ की. इसके बाद पुलिस ने पोक्सो एक्ट के मामले में उसको गिरफ्तार कर 20 फरवरी 2023 को बालोतरा जेल भेज दिया और करीब 1 साल जेल में रहने के बाद अब हाई कोर्ट से पॉक्सो मामले में जमानत मिलने के बाद रिहा होकर साढ़े तीन साल बाद वह अपने परिवार के बीच जा रहा है. बता दें कि गेमराराम बाड़मेर जिले के सीमावर्ती बीजराड़ थाना क्षेत्र के सज्जन का पार गांव के कुम्हारों का टिब्बा निवासी है. 


रिहाई की मांग करते-करते पिता ने तोड़ा दम 
गेमराराम का कहना है कि पाकिस्तान व भारत की जेल में बंद रहने के दौरान उसे घर व मां की बहुत याद आती थी. वह आज बहुत खुश है. हालांकि, गेमराराम को इस बात का भी मलाल है कि पाकिस्तान जाने के बाद उसकी रिहाई की मांग का संघर्ष करते-करते पिता दुनिया से चल बसे और वह पाकिस्तान की जेल में बंद होने के कारण अंतिम दर्शन भी नहीं कर पाया. उसके पाकिस्तान जाने के बाद से परिवार की हालत दयनीय है. अब वह बुजुर्ग मां के साथ अपने परिवार की देखभाल करेगा. पाकिस्तान की जेल में बिताए समय को लेकर गेमराराम कहता है कि मैं उस समय को भूल चुका हूं. पाक में जो भी यातनाएं दी मुझे वो इतनी दर्द भरी है, मैं उसको दोहराना नहीं चाहता हूं. 


आपसी रंजिश के चलते पड़ोसियों ने लगाया आरोप 
गेमराराम की पॉक्सो के मामले में पैरवी करने वाले एडवोकेट मोहनसिंह सोढा बताते हैं कि गेमराराम के भूल वंश पाकिस्तान जाने के बाद उनके परिवार से रंजिश रखने वाले पड़ोसियों ने गेमराराम के गायब होने का आरोप उन पर नहीं लग जाए, जिसको लेकर पाकिस्तान जाने के 6 महीने बाद गेमराराम के खिलाफ पॉक्सो का मामला बीजराड़ थाने में दर्ज करवा दिया, जिसके बाद गेमराराम जैसे ही पाकिस्तान की जेल से रिहा होकर भारत पहुंचा, तो सुरक्षा एजेंसियों की पूछताछ के बाद वह घर भी नहीं जा पाया और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. अब हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद साढ़े तीन साल बाद वह अपने बुजुर्ग मां व घर वालों से मिल रहा है. 


रिपोर्टर - भूपेश आचार्य


ये भी पढ़ें- Rajasthan High Court: पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया की गिरफ्तारी पर रोक, जांच जारी...