Gudamalani: जलदाय विभाग द्वारा बाड़मेर जिले में ग्रामीणों को शुद्ध मीठा पानी उपलब्ध करवाने के लिए जगह-जगह आरओ प्लांट लगाया गया था लेकिन आरओ प्लांट कुछ महीने चलने के बाद ही बंद हो गए. 


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गांवों में शुद्ध मीठा पानी उपलब्ध करवाने के लिए अभी तक इस संबंध में कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है, जिसके कारण ग्रामीणों में जलदाय विभाग के खिलाफ दिनों दिन रोष बढ़ता जा रहा है.


जलदाय विभाग कतई गंभीर नहीं 
जलदाय विभाग द्वारा लाखों रुपये खर्च कर बाड़मेर जिले के ग्रामीण इलाकों में 206 आरओ प्लांट लगवाये गये थे लेकिन जलदाय विभाग द्वारा आरओ प्लांट के निर्माण के बाद सार संभाल नहीं होने के कारण कई आरओ प्लांट बंद पड़े हैं. आरओ प्लांट को लेकर जलदाय विभाग कतई गंभीर नहीं दिख रहे हैं.


आरओ प्लांट बिजली के अभाव में भी बंद पड़े 
जलदाय विभाग द्वारा आरओ प्लांट का रखरखाव ठेके पर देने के कारण ठेकेदार की लापरवाही की कारण के ठेकेदार द्वारा समय-समय पर उनकी सार-संभाल नहीं करने के कारण क्षेत्र कई आरओ प्लांट बंद पड़े हैं. कई आरओ प्लांट बिजली के अभाव में भी बंद पड़े हैं. आरओ प्लांट को सुचारू करने के लिए कई बार जलदाय विभाग के अधिकारियों को सूचित किया गया लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. जिसके कारण ग्रामीणों को फ्लोराइडयुक्त पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.


वहीं, धोरीमन्ना उपखंड क्षेत्र में जलदाय विभाग ने 11 और केयर्न वेदांता ने 13 आरओ प्लांट लगाये गये हैं लेकिन सभी आरओ प्लांट बंद पड़े है. सरकार ने भले ग्रामीणों को मीठा पानी पिलाने के नाम पर लाखों रुपये खर्च किए गए लेकिन लोगों को शुद्ध और मीठा पेयजल नहीं मिल रहा है. विभागीय अनदेखी और देखरेख के अभाव में अधिकांश आरओ प्लांट बंद पड़ा है.


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