Gudamanali: बाड़मेर जिले में मूंगफली फसल के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा समूह अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन के तहत मूंगफली फसल के मिनिकिट गांव डाबली के किसानों को वितरित किए गए. फसल की महत्ता को देखते हुए भारत सरकार द्वारा एनएफएसएम कार्यक्रम के तहत इस फसल का प्रदर्शन किया जाता है.


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मूंगफली वस्तुतः एक तेल वाली मुख्य फसल है. कृषि विज्ञान केन्द्र गुड़ामालानी के वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डाॅ. बाबूलाल मीणा ने एकीकृत फसल प्रबंधन के बारे में विस्तार से किसानों को बताया. साथ ही उन्होंने बताया कि उपयुक्त बीज दर, पंक्ति से पंक्ति तथा पौधे से पौधे की दूरी पर ही मूंगफली फसल की बिजाई करें. इस फसल में बीज दर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. किसान अनावश्यक बीज दर का उपयोग नहीं करें. उन्होंने यह भी बताया कि समूचित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग इस फसल में बहुत ही सार्थक सिद्ध होता है.


जो कि उपज बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. डाॅ. बाबूलाल जाट ने बताया कि वर्तमान समय में बाड़मेर जिले में मूंगफली के क्षेत्रफल में दिन प्रतिदिन बढ़ोतरी हो रही है तथा इसके प्रति किसानों की रूचि भी बढ़ रही है. साथ ही उन्होंने मूंगफली फसल में आने वाली विभिन्न बीमारियों में कालीजड़ का होना, बीजोपचार, जमीन उपचार व विभिन्न बीमारियों से उपचार के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की. इस फसल में सफेद लट्ट भी एक गंभीर कीट समस्या है इसकी रोकथाम के बारे में बताया. 


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