Barmer: ग्लोबल एडल्ट टोबेको सर्वे (गैट्स) 2009-10 के अनुसार, करीब 35 प्रतिशत भारतीय किसी न किसी प्रकार से तंबाकू का इस्तेमाल करते हैं, इसलिए अभियांत्रिकी महाविद्यालय बाड़मेर में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर महाविद्यालय स्टाफ ने तंबाकू व धूम्रपान न करने एवं कैम्पस को पूर्णतया धूम्रपान व तम्बाकु रहित रखने का संकल्प लिया, जिससे यहां प्रवेश लेने वाले छात्रों को पूर्णतया स्वच्छ एवं सुरक्षित वातावरण उपलब्ध हो सके. 


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कैम्पस को छात्रों, कार्मिकों एवं आगन्तुकों हेतु तम्बाकु प्रतिबन्धित परिसर बनाने का संकल्प लिया. अतिथि प्रवक्ता दिलीप सोनी ने बताया कि हर साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस अलग थीम के साथ मनाया जाता है, इस साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस की थीम ‘‘पर्यावरण की रक्षा करें‘‘ है. इस साल की थीम पर्यावरण पर तंबाकू के प्रभाव पर केंद्रित है. 


एम बी एम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अजय शर्मा ने बताया कि "वर्ल्ड नो टोबैको डे" मनाने का मकसद लोगों को तंबाकू से होने वाली बीमारियों के बारे में जागरुक करना है. तंबाकू के सेवन से व्यक्ति को निकोटीन की आदत पड़ जाती है और इसका असर दिमाग पर भी पड़ता है जिससे विद्यार्थी अपनी दिशा से भटक जाते है. 


अभियांत्रिकी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एस.के. बिश्नोई ने बताया कि पूरी दुनिया में हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है. इस दिन का मकसद तंबाकू के उपयोग से जुड़े खतरे को उजागर करना है. विश्व स्वास्थ्य संगठन तंबाकू के सेवन से स्वास्थ्य जोखिमों के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए हर साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस को बढ़ावा देता है और सरकारों को ऐसी नीतियों को लागू करने के लिए प्रोत्साहित करता है जो धूम्रपान और अन्य तंबाकू उत्पादों के उपयोग को कम करने में मदद करती हैं. इस कार्यक्रम मेंअतिथि प्रवक्ता दिव्या खत्री, हिमांशु दवे, बाल किशन, पलाश बरदलैं, जितेन्द्र कुमार, शिवानी सेठिया, शिल्पा ढांढवानी, दिया अवस्थी एवं भंवर स्वामी उपस्थित रहें.