Rajasthan:  सुदूर रेगिस्तान के दलित-किसान-मजदूर परिवार में पैदा हुए भट्टाराम एक ऐसे इलाके से आते हैं,जहां पर जातिगत भेदभाव व छुआछूत आज भी विद्यमान है. ऐसी विपरीत सामाजिक आर्थिक व भौगोलिक पृष्ठभूमि से आने वाले भट्टाराम ने बाड़मेर जिले के पचपदरा ब्लॉक के टापरा गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय से 2014 में हिंदी माध्यम से 12वीं तक शिक्षा ग्रहण की.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

भट्टा राम के परिवार वाले खरीफ सीजन में खेतों में पर्व करते हैं, चार महीने के लिए वहीं रहते है.खेती के समय भट्टा राम को 6 किमी पैदल विद्यालय जाना पड़ता था. फिर 2017  में एमबीआर राजकीय कॉलेज बालोतरा से बीए कम्पलीट किया.


उच्च शिक्षा के लिए पैसा जमा करने के लिए अप्रैल 2015 से अगस्त 2017 तक आईडिया डिस्ट्रीब्यूटर के यहां सेल्स एक्सिक्यूटिव की नौकरी की और भवन निर्माण में अकुशल श्रमिक के तौर पर मजदूरी भी की.


इसके बाद 8 महीने तक नालंदा एकेडमी वर्धा में रहकर उच्च शिक्षा के लिए तैयारी की और 2018 में जल नीति और शासन के परास्नातक पाठ्यक्रम हेतू टाटा इंस्टीट्यूट मुम्बई पहुंचे. भट्टाराम  ने टाटा इंस्टीट्यूट में जल नीति का अध्ययन किया और TISS छात्र संघ अध्यक्ष का चुनाव भी लड़ा था.


  पानी के स्रोतों के जीर्णोद्धार के लिए काम किया


जिसमे वो भारी मतों से विजयी हुए थे. भट्टा राम ने मास्टर की पढ़ाई के बाद 2020 में इनरेम फाउंडेशन में पानी की गुणवता और स्वास्थ्य मुद्दो पर राजस्थान में काम किया.उसके बाद 2021 में उन्नति विकास शिक्षण संगठन में बाड़मेर और जैसलमेर में परंपरागत पानी के स्रोतों के जीर्णोद्धार के लिए काम किया. अक्तूबर 2021 में भट्टा राम का कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय की 02 वर्षीय महात्मा गांधी नेशनल फैलोशिप में चयन हुआ,जिसमें आईआईएम उदयपुर से पब्लिक पॉलिसी और मैनेजमेंट की पढ़ाई की है.


मास्टर की पढ़ाई के लिए चयन


इस फैलोशिप में वह जिला प्रशासन के साथ मिलकर कौशल विकास और आजीविका के क्षेत्र में काम करते रहे है.भट्टा राम अपने जॉब के साथ साथ छात्रहित के मुद्दो पर भी लगातार काम कर रहे है। अभी उनका युनेस्को के IHE Delft जल शिक्षा संस्थान,नीदरलैंड्स में जल और सतत विकास में मास्टर की पढ़ाई के लिए चयन हुआ है.


भारत से 4 विधार्थियों का चयन हुआ 


नीदरलैंड में पढ़ाई के लिए भट्टा राम ने रोटरी इंटरनेशनल के रोटरी फाउंडेशन की स्कॉलरशिप के लिए आवेदन किया था.इस छात्रवृति के लिए पूरे विश्व से हजारों आवेदन आते है, जिसमे सिर्फ 15 विधार्थियों का चयन होता है.भारत से 4 विधार्थियों का चयन हुआ है उसमे भट्टा राम का भी नाम है।विदेश में उच्च शिक्षा के लिए चयन होने पर परिवारजनों में भी खुशी है. वहीं, बधाई का सिलसिला भी शुरू हुआ.


ये भी पढ़ें- Karnataka Election Results 2023: इनके हाथ में थी कर्नाटक की कमान, विक्ट्री के बाद राजस्थान में रहेगी नजर, प्लान तैयार