Shiv, Barmer: 80 साल का बुजुर्ग जनसंवाद यात्रा में पहुंचा और बोला- पानी की व्यवस्था करा दे बेटा
Shiv, Barmer: युवा नेता रविंद्र सिंह भाटी इन दिनों जन संवाद यात्रा कर रहे है. इस दौरान उन्होंने बुजुर्ग से स्वास्थ्य का हाल पूछा. तो उसने कहा- पानी की व्यवस्था करा दे हमारे.
Shiv, Barmer: अदम गोंडवी का एक शेर है कि "तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है....मगर ये आंकड़े झूठे हैं ये दावा किताबी है". लोकतंत्र के लिए ये कितनी शर्मनाक तस्वीर है कि आजादी के 75 साल बाद सुदूर गांव में एक 80 साल के बुजुर्ग को जब ये खबर मिलती है कि उसके गांव में कोई नेता आ रहा है. तो वो लड़खड़ाते कदमों से उस जगह पहुंचता है जहां नेता के स्वागत में लोग इकट्ठा हो रखे है और अपनी दरख्वास्त करता है कि "पानी की व्यवस्था करा दे"
ऐसा ही हुआ बाड़मेर में शिव विधानसभा क्षेत्र के बांडासर गांव में. सरहदी इलाके के ये ऐसे गांव है जहां ज्यादातर जगहों पर गांव में सड़क नहीं है, इलाके में चिकित्सा व्यवस्था नहीं है, मोबाइल में नेटवर्क नहीं है और इन सबसे बढ़कर, घर में पानी नहीं है. युवा नेता रविंद्र सिंह भाटी जनसंवाद यात्रा के जरिए जब बांडासर गांव पहुंचे तो एक तरफ लोग लोग सैल्फी लेने में व्यस्त थे. राजनीति की बातें हो रही थी. नेताओं की बातें हो रही थी. तभी उस पांडाल के किनारे में बैठा ये बुजुर्ग यही विचार कर रहा था- क्या ये लड़का मेरी प्यास बुझा सकता है.
दरअसल बाड़मेर जिला ऐसा इलाका है जहां से प्रतिदिन 45 करोड़ से ज्यादा का राजस्व सरकारों को जाता है. यहां मंगला, विजयम और सरस्वती समेत तमाम क्रूड ऑयल के भंडार है. विंड पावर और सौलर पावर प्लांट के जरिए बिजली का उत्पादन हो रहा है. क्रूड ऑयल के बाद अब कई जगह भूमिगत गैस भंडार भी मिले है. लेकिन यहां के बाशिंदे मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे है.
बांडासर गांव की घटना
जोधपुर के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति से निकले युवा नेता रविंद्र सिंह भाटी इन दिनों जन संवाद यात्रा कर रहे है. इसके जरिए वो गांव-ढ़ाणी तक संपर्क कर समर्थन जुटाने में लगे है. इसी बीच मंगलवार को वो बांडासर गांव पहुंचे. यहां स्वागत, सम्मान और भाषणों के बाद जब नेता ने इस बुजुर्ग से स्वास्थ्य का हाल पूछा. तो उसने स्वास्थ्य से ज्यादा पानी की बात रखने पर जोर दिया और कहा- म्हारे पाणी री व्यवस्था कराए दे. यानि पानी की व्यवस्था करा दे हमारे.
इसके बाद निर्दलीय चुनाव लड़ रहे रविंद्र सिंह भाटी ने भरोसा दिलाया कि चाहे मैं चुनाव जीतूं या हारूं. लेकिन आपके यहां पानी की व्यवस्था जरूर कराऊंगा. जिसके बाद बुजुर्ग ने लड़खड़ाते हाथों से उस युवा नेता को आशीर्वाद दिया.
इस पिछड़ेपन का कौन जिम्मेदार
देश और दुनिया जब 4जी,5 जी और 6जी की बातें कर रही है उस दौर में शिव समेत इस पूरे सरहदी इलाके में लोग एक अदद नेटवर्क का इंतजार कर रहे है ताकि कम से कम फोन कॉल कर सकें. यहां सैकड़ों गांव ऐसे है जहां परिवार की बेटियां इसलिए स्कूल नहीं जा पाती क्योंकि वो स्कूल जाएगी तो 2-3 किलोमीटर दूर से पानी के मटके भर कौन लाएगा. जो पानी है वो भी इतना खारा कि 50 की उम्र होते होते घुटनों में दर्द शुरू होता है. कमर झुकने लगती है. पक्की सड़कें तो छोड़िए यहां के कई गांवों में तो ऐसे हालात है कि अगर ग्रेवल सड़क बन जाए तो भी लोग पर्याप्त मानते है. चिकित्सा सुविधाओं के लिए जिला मुख्यालय बाड़मेर जाना होता है जो करीब 200 किलोमीटर दूर है.
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