Bharatpur News:भरतपुर राजपरिवार का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक तरफ मामला कोर्ट में सब ज्युडिस है,तो दूसरी तरफ जाट समाज पंचायत कर रहा है. वहीं अब फिर से एक प्रेस वार्ता कर कांग्रेस पूर्व केबीनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह की पत्नी दिव्या सिंह व बेटे अनिरुद सिंह ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि भरतपुर राजपरिवार का निकास करौली से हुआ है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

भरतपुर राजपरिवार के झगड़े के लिए कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जिम्मेदार है . दिव्या सिंह ने कहा कि '' गहलोत साहब ने आग में घी डालने ,जख्म में नमक डालने का काम किया,हमारे फोन कॉल रिकार्ड किये गए कांग्रेस राज में ,मोती महल पर लगी सुरक्षा गार्ड को हटाया,हमको थ्रेट कॉल आते हैं,हमने एसपी भरतपुर को ढाई साल पहले पत्र लिखकर दे रखा है,हमारे पर्सनल झगड़े में क्यों पड़े गहलोत साहब,हमारे कामों को रोका गया .



दिव्या सिंह व अनिरुध्द सिंह ने कहा कि भरतपुर राजपरिवार का निकास करौली से है,इससे किसी को दिक्कत होती है तो हो,लेकिन यही सच है,बार बार लोग इस पर सवाल उठा रहे है उनका कोई मतलब नहीं है ,जो लोग ट्रोल कर रहे है उनसे कहना चाहते है,हमारे पास भी लोग है लेकिन हम शरीफ लोग हैं ,अब सामंतवाद नही है यह 2024 का भारत है ,हमारे पर्सनल मामले में किसी को इन्टरफियर करने का कोई हक नहीं. हमको ज्यूडिशियल सिस्टम पर भरोसा है ,
इसका फैसला कोर्ट करेगा.


गौरतलब है कि भरतपुर में पूर्व राजपरिवार का विबाद सामने आने के बाद जाट समाज की एक पंचायत पेंगौर में हुई. जिसमें जाट समाज ने अनिरुध्द सिंह के उस बयान पर एतराज जताया कि भरतपुर राजपरिवार का निकास करौली से है साथ ही विश्वेन्द्र सिंह का समर्थन करते हुए मोती महल दिलाने में सहयोग की बात कही गई. 



जाट समाज के एक डेलीगेशन ने विश्वेन्द्र सिंह से मुलाकात की. जिस पर विश्वेन्द्र सिंह ने 24 मई को एसडीएम कोर्ट के फैसले का इंतजार करने की बात कही. यह मामला तब सबके सामने आया जब 6 मार्च को एसडीएम कोर्ट भरतपुर में पूर्व केबीनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने भरण पोषण अधिनियम के तहत पत्नी दिव्या सिंह व बेटे अनिरुध्द सिंह पर मारपीट करने अपनी संपत्ति मोती महल ,इजलाश खास,सोने चांदी के जेवरात व 5 लाख रुपए प्रतिमाह भरणपोषण के लिये दिलाने की मांग की. 



इसके बाद पूर्व सांसद दिव्या सिंह व पुत्र अनिरुद सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर पिता द्वारा स्टेट टाइम की विरासत कालीन प्रोपर्टी को बेचने के आरोप लगाए ,दिव्या सिंह ने कहा था कि उन पर 30 साल से अत्यचार हो रहा है अगर वह मुँह खोल दी तो मामला सुप्रीम कोर्ट तक चला जायेगा. 



यह भी पढ़ें:वाहन चालक हो जाएं सावधान,आज से शुरू हुआ परिवाहन विभाग का जांच अभियान