Bharatpur: प्रदेश के 11 जिलों में कहर बरपा चुका लंपी वायरस भरतपुर में भी दस्तक दें चुका है. गौवंश के लिये काल बने लंपी वायरस का असर भरतपुर की 3 गायों में देखा गया है, 3 गायों में इसके प्राथमिक लक्षण पाये गये है. तीनों गौवंश को पशुपालन विभाग ने गौशाला से हटाकर आइसोलेट किया है और उनके सैम्पल जांच के लिए भेजे गये है. लंपी वायरस के चलते भरतपुर के नुमाइश मैदान ने आयोजित होने वाले श्रीजसवन्त प्रदर्शनी पशु मेले पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. लंपी वायरस के प्रकोप को देखते हुए, पशुपालन विभाग ने पशुपालकों को एडवाइजरी जारी कर दी है.


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गायों को गौशाला से हटाकर आइसोलेट किया


भरतपुर नगर निगम की गौशाला में रह रही तीन गायों में इसके प्राथमिक लक्षण नजर आए हैं, जिसके बाद पशुपालन विभाग ने इन गायों को गौशाला से हटाकर अलग से अपना घर के जीव सुरक्षा केंद्र में आइसोलेट कर रखा है और तीनों गोवंश के सैम्पल लेकर जांच के लिए लैब भेजे गए हैं. इन गायों के शरीर पर चकते/दाने/फफोलों को प्रथम दृष्टया लंपी स्किन वायरस से मिलता-जुलता बताया गया है. जिन गायों में लंपी वायरस के लक्षण दिखे हैं, वे एक्सीडेंट में घायल होकर आई थीं और उनको नगर निगम की इकरन गौशाला में रखा गया है. तीनों को अन्य पशुधन से अलग करके लक्षणों के आधार पर इलाज शुरू कर दिया है. इसके साथ ही पशु चिकित्सकों की एक टीम राउंड द क्लॉक आइसोलेट कर गौवंश सहित गोशाला में रह रहें, गौवंश का नियमत रूप से निरीक्षण कर रहें हैं.


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गौशाला में है 2500 से अधिक गौवंश


पशु पालन विभाग इस बात को लेकर भी चिंतित है कि भरतपुर में राज्य पशुधन आयोग व जिला प्रशासन के सयुंक्त सहयोग से पशुमेला आयोजित किया जाना है. जिसमे उत्तर भारत से बड़ी संख्या में पशु पालक पशुओं को लेकर आते हैं, ऐसे में अगर मेले तक यह संक्रमण गया तो यह बीमारी बड़ा रूप ले सकती है, अभी तक राजस्थान के 11 जिलों में यह लंपी वायरस फैला है. जिससे अब तक प्रदेश में 51 हजार गौवंश संक्रमित है और 2100 से अधिक की मौत होने की बात कही जा रही है.


राजस्थान के पशुओं से जिले के पशुधन को रखें दूर 


पशुपालन विभाग के उप निदेशक गजेंद्र चाहर ने बताया है कि भरतपुर में यह बीमारी नहीं फैले, इसके लिए विभाग अलर्ट है और जिन गायों में प्राथमिक लक्षण दिखे हैं, उनको अलग से आइसोलेट कर उनका उपचार किया जा रहा है. इसके साथ ही पिछले दिनों इस वायरस को लेकर पूरे जिले में सर्वे कराया गया था, इसमें कोई केस नहीं मिला है. पशुपुर हाट में भी जांच कर ली है, पशुओं पर निगरानी रखी जा रही है और आवश्यक दवाएं मंगवा ली हैं. पशुपालकों को सलाह है कि पशुओं में बुखार और गांठ जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें.


भरतपुर जिले के पशुपालन विभाग ने पशुपालकों से कहा है कि पश्चिम राजस्थान के पशुओं से जिले के पशुधन को दूर रखें, क्योंकि पाकिस्तान के रास्ते भारत आया लंपी स्किन वायरस खतरनाक और संक्रामक है. यह राजस्थान और गुजरात में दूध देने वाले जानवरों की जान ले रहा है. पाकिस्तान के पंजाब, सिंध और बहावलनगर के रास्ते इसकी देश में एंट्री हुई है. राजस्थान में पिछले 3 महीने में करीब 2100 गायों और मवेशियों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है. इसका कोई इफेक्टिव इलाज नहीं है, इसलिए बचाव ही इसका उपाय है. पश्चिमी राजस्थान के 6 जिलों जैसलमेर, जालौर, बाड़मेर, सिरोही, जोधपुर और बीकानेर के पशुधन के संपर्क से बचाएं.


Reporter - Devendra Singh


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