Weir: भरतपुर के वैर उपखंड मुख्यालय पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कहने को तो एक आदर्श सीएचसी है जहां 7 चिकित्सक कार्यरत है. लेकिन जब आरएमआरएस की बैठक लेने भरतपुर से उप मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी भरतपुर डॉ असित श्रीवास्तव सीएचसी पहुंचे तो 6 चिकित्सकों में से मात्र एक ही चिकित्सक डॉक्टर बबलू शर्मा ही मरीजों का उपचार करते मिले. अन्य 5 चिकित्सक डॉ प्रेम सिंह सैनी, डॉ नरेन्द्र वर्मा, डॉ मंजू मीणा, डॉ बबलू शर्मा, डॉ थान सिंह, डॉ रश्मि वर्मा अनुपस्थित थे. 


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जिस पर उप मुख्य स्वास्थ्य और चिकित्सा अधिकारी डॉ असित श्रीवास्तव ने सीएचसी प्रभारी डॉ हजारी लाल पर नाराजगी जाहिर की और अनुपस्थित चिकित्सकों के खिलाफ कठोर कार्यवाई करने के निर्देश दिए. सीएचसी में उपचार कराने आए मरीजों का कहना था कि अक्सर 2-3 चिकित्सक ही ऑन ड्यूटी रहते है. अकेले चिकित्सक पर करीब 350 ओपीडी मरीजों के साथ-साथ अन्य मरीजों की भी जिम्मेदारी रही. उपचार कराने आए मरीजों को एक चिकित्सक के भरोसे रहने के कारण एक से डेढ़ घंटे तक अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा और परेशानी उठानी पड़ी. 


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आरएमआरएस की बैठक ली 


सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उप मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी भरतपुर डॉ असित श्रीवास्तव ने आरएमआरएस की बैठक ली. सीएचसी प्रभारी डॉ हजारी लाल ने बताया कि आरएमआरएस की बैठक में भीषण गर्मी को लेकर मरीजों के हित और सुविधा के लिए निर्णय लिए गए. जिनमें संस्था के खराब पंखे, कूलर की तुरंत मरम्मत कराने, तीन नए कूलर और पंखे क्रय करने, साथ ही वाटर कूलर लगवाने , प्रसव कक्ष के एसी की मरम्मत कराने का निर्णय लिया. 


एंबुलेंस पर प्रति चक्कर बचत के आधार पर वाहन चालक रखने, डिजिटल एक्सरे मशीन के लिए एसी लगवाने और मैदान को समतल करवाने, महिला स्वास्थ्य देखभाल के लिए एक आशा सहयोगिनी को वजन मशीन उपलब्ध करवाने और संस्था के आय बढ़ाने के लिए पार्किंग और कैंटीन का ठेका करने के निर्णय सर्वसम्मति से लिए गए. आरएमआरएस की बैठक में सीएचसी प्रभारी डॉ हजारीलाल, खंड चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर बी एल मीणा, दीनदयाल शर्मा, जितेंद्र कुमार ,सुनील कुमार मौजूद रहे. 


Report: Devendra Singh