धौलपुर: प्रदेश के जिले की बसेड़ी पंचायत समिति क्षेत्र के गांव नुनहेरा में मनरेगा कार्यों का निरीक्षण करने पहुंची जिला अधिकारी नेहा गिरी उस समय भौचक्की रह गई, जब पोखर निर्माण कार्य पर पानी पिलाने के लिए एक हट्टा-कट्टा आदमी लगा मिला और एक महिला श्रमिक बच्चे सहित कार्य पर लगी हुई थी. बच्चा साथ में होने के बावजूद महिला श्रमिक की कार्य के प्रति भावना को देख अधिकारी ने अधिकारियों को कहा कि महिला को पानी पिलाने के लिए क्यों नहीं लगाते हो.


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तभी इस पर वहां मौजूद एक ग्रामीण तपाक से बोला कि मैडम, यह तो बाल्मीक समाज से हैं, इससे कोई भी पानी नहीं पीएगा. इस पर नाराज हुई अधिकारी ने उसे जमकर लताड़ा और वहां से भगा दिया. साथ ही महिला श्रमिक को बुलाया और श्रमिकों को पानी पिलाने की बात कही. इस पर उसने कहा कि मैडम, मुझसे कोई पानी नहीं पीएगा. इस पर अधिकारी ने खुद उसके हाथ से पानी पीया और छुआछूत नहीं करने का संदेश दिया. साथ ही पानी पिलाने के लिए लगाए हुए हट्टे-कट्टे आदमी को नरेगा कार्य लेने के निर्देश दिए.


अन्य महिलाओं ने भी महिला श्रमिक के हाथ से पानी पीने में कोई परेशानी नहीं बताई. इस दौरान उन्होंने मस्टररोल जांची जिसमें 130 श्रमिकों के नाम थे, जबकि मौके पर 71 श्रमिक कार्य करते हुए मिले. शेष की अनुपस्थित पहले से ही लगी हुई मिली. इसी प्रकार गांव महू गुलावली में भी नरेगा कार्य का निरीक्षण किया. यहां पर अधिकारी ने पानी पिलाने के लिए आदमी को हटवा कर महिला श्रमिक को जिम्मेदारी दी. इस दौरान अधिकारी ने महिला श्रमिकों के बच्चों के लिए आया रखने के निर्देश दिए. 


पूरे मामले पर जिला अधिकारी नेहा गिरी ने हर जगह नरेगा कार्य निरीक्षण के दौरान पानी व्यवस्था की जानकारी ली. साथ ही उन्होने कहा कि इस तरह घटनाएं बहुत शर्मनाक है. इसी कारण उस बाल्मीक समाज की महिला के हाथ से मैंने खुद पानी पिया और उसे ही पानी पिलाने के कार्य पर लगवाया है. भेदभाव करना अच्छी बात नहीं है. साथ ही उन्होने यह आदेश दिया कि ऐसी घटना दुबारा न हो.