रंजीता कोली पर हमला मामला, सुरक्षा में तैनात CISF जवानों का बयान देने से इनकार, सांसद खुद भी जांच में नहीं कर रही सहयोग
Bharatpur : सांसद रंजीता कोली पर हमला में की जांच के दौरान भरतपुर एसपी श्याम सिंह, कह चुके है कि सांसद कोली जांच में सहयोग नहीं कर रही है वहीं अब उनके सीआईएसएफ जवानों ने भी बयान देने से इनकार कर दिया है.
Bharatpur : भरतपुर से बीजेपी की सांसद रंजीता कोली पर कामां-कोसी मार्ग पर हुए हमले के मामले में अब भरतपुर पुलिस ने जांच तेज कर दी है. भरतपुर से कामां थाना पुलिस की टीम कामां थाना प्रभारी दौलत साहू के नेतृत्व में दिल्ली में सांसद रंजीता कोली के आवास पर पहुंची और उनकी सुरक्षा में तैनात सीआईएसएफ के सुरक्षा गार्डों से बयान लेने की कोशिश की.
लेकिन जब अनुसन्धान टीम ने बयान लेने चाहे तो सीआईएसएफ जवानों ने इसकी अनुमति नहीं होने से बयान देने से मना कर दिया. जिस पर कामां थाना प्रभारी दौलत साहू ने सीआईएसएफ के डीआईजी को नोटिस भेजकर सांसद द्वारा कामां थाने पर दर्ज कराए गए, मुकदमे में अनुसन्धान के लिए सांसद सुरक्षा में तैनात जवानों को बयान देने की अनुमति प्रदान करने के लिये कहा है. जिससे सांसद पर हुए हमले का अनुसन्धान सही ढंग से हो सके. इसके साथ ही अनुसन्धान पुलिस टीम, सांसद रंजीता कोली समेत उनके निजी सहायक दीपक कुमार से भी पूछताछ कर उनके बयान दर्ज कर घटनाक्रम की जानकारी लेगी. जिससे हमले की जांच को आगे बढ़ाया जा सके.
आपको बता दें कि भरतपुर से भाजपा सांसद रंजीता कोली पर चौथी बार हमला हुआ. यह हमला उन पर उस समय हुआ जब वो दिल्ली से भरतपुर कामां-कोसी मार्ग से लौट रही थी. इस दौरान जब वो खनन सामग्री से लोड़ वाहनों को चैक कर पूछताछ कर रही थी, तो खनन माफिया ने उन पर हमला कर दिया, जिससे उनकी सांसद की प्लेट लगी सफारी गाड़ी के शीशे टूट गए. हमले के बाद सांसद मौके पर ही धरने पर बैठ गई थी, जो बमुश्किल समझाइश के बाद खत्म कराया जा सका.
मामले को लेकर सियासी पारा भी बहुत उफान पर आ गया था, संसद में दौसा सांसद जसकौर मीणा ने ये मुद्दा उठाया और प्रदेश सरकार को खनन माफिया के मुद्दे पर घेरने की कोशिश की थी. जिस पर प्रदेश सरकार के मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने इस हमले पर कई सवालिया निशान लगाते हुए केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी को सांसद की सुरक्षा में चूक और लापरवाही का जिम्मेदार ठहराया था और आरोप लगाए की केंद्र सरकार अपने सासंदो को सुरक्षा देने में भी सक्षम नहीं है. यहीं नही मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने ''वाई प्लस'' केटेगरी की सुरक्षा को भी कठघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए थे.
क्योंकि सांसद पर हुए इस हमले में उनको या उनके किसी सहयोगी को कोई चोट नही पहुंची थी और सांसद कोली ने खुद का और निजी सहायक का मेडिकल कराने से इंकार कर दिया था, इसलिए अब पुलिस हर पहलू की गहनता से जांच कर रही है. भरतपुर एसपी श्याम सिंह कह चुके है कि सांसद कोली द्वारा जांच में सहयोग नहीं किया जा रहा है.
रिपोर्टर- देवेंद्र सिंह
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