Bharatpur News: राइट-टू-हेल्थ को लेकर भरतपुर जिले के सभी प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टर्स हड़ताल पर हैं. जिसके कारण सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ गई है, लेकिन अब प्राइवेट डॉक्टर्स सरकारी डॉक्टर्स को अपने आंदोलन में शामिल करने की रणनीति बना रहे हैं. मंगलवार को प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टर आरबीएम अस्पताल पहुंचे और सभी डॉक्टर से बात कर उन्हें अपने आंदोलन में शामिल करने का प्रस्ताव रखा.


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इस दौरान बड़ी बात यह हुई कि आंदोलनरत डॉक्टरों ने सरकारी अस्पताल में इस तरह की बैठक कैसे की? जब प्राइवेट डॉक्टरों के साथ सरकारी डॉक्टर हड़ताल पर नीचे बैठक में चर्चा कर रहे थे. इस दौरान मरीज काफी परेशान हो रहे थे और कुछ मरीज तो डॉक्टरों की मीटिंग के बाहर गेट पर ही खड़े हो गए और यह सोच रहर थे कि शायद इनका दिल पसीज जाए और इलाज शुरू कर दें. मीटिंग के बारे में जब अस्पताल की सुपरिडेंट डॉ जिज्ञासा साहनी को पता चला तो उन्होंने इसकी जांच के आदेश दे दिए है.

राइट-टू-हेल्थ को लेकर पिछले कई दिनों से आंदोलन चल रहा है. जिसको लेकर जिले के सभी प्राइवेट अस्पताल बंद हैं. इस स्थिति में सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या अचानक से बढ़ गई है. सरकारी अस्पताल के डॉक्टर भी प्राइवेट डॉक्टर के समर्थन में हैं, कल जिले के सभी सरकारी अस्पताल के डॉक्टर्स ने 2 घंटे का कार्य बहिष्कार रखा था, लेकिन अब प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टर इस आंदोलन को और बड़ा करने की कोशिश में लग गए हैं.


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अगर सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर प्राइवेट डॉक्टर के समर्थन में आ जाते हैं तो, स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से ठप्प हो जाएगी। फिर मरीज को कहीं भी इलाज नहीं मिलेगा। अभी भी सरकारी अस्पतालों में भीड़ बढ़ने के कारण सरकारी अस्पताल व्यवस्थाएं गड़बड़ाई हुईं हैं. प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर्स ने सरकारी डॉक्टर्स के सामने अपनी बात रखते हुए कहा की, वह भी इस बिल का विरोध करें क्योंकि आगे जाकर वह भी जब रिटायर्ड होंगे और जब वह अपना अस्पताल या क्लिनिक खोलते हैं, तो इस बिल का प्रभाव उनपर भी पड़ेगा.