मंत्री विश्वेंद्र सिंह के साथ वार्ता पर साधुओं को नहीं विश्वास, अब मोबाइल टावर पर चढ़े नारायण बाबा
भरतपुर के डीग के ब्रज के परम धार्मिक पर्वत आदिबद्री और कनकाचल को खनन मुक्त कर संरक्षित वन क्षेत्र घोषित करवाने की मांग को लेकर 550 दिनों से साधु संतों का धरना जारी है. मामले को लेकर साधु संतों ने आत्मदाह तक की चेतावनी दी थी.
Deeg : राजस्थान के भरतपुर के डीग के पसोपा में चल रहे साधु संतों के धरने के मामले में आज नया मोड़ आ गया है, धरना स्थल पर मोबाइल टावर पर नारायण बाबा चढ़ गये और कहा कि कल की वार्ता पर उन्हे विश्वास नहीं है . आपको बता दें कि कल प्रतिनिधि मंडल की सरकार और प्रशासन से हुई बातचीत के बाद सहमति भी बन गयी थी.
आपको बता दें कि भरतपुर के डीग के ब्रज के परम धार्मिक पर्वत आदिबद्री और कनकाचल को खनन मुक्त कर संरक्षित वन क्षेत्र घोषित करवाने की मांग को लेकर 550 दिनों से साधु संतों का धरना जारी है. मामले को लेकर साधु संतों ने आत्मदाह तक की चेतावनी दी थी.
साधु संतों का कहना था कि कि पर्वत हमारे प्राण हैं और इनकी रक्षा के लिए हम अपने प्राण तक को न्यौछावर कर सकते हैं. अगर जल्द ही इन पर्वतों की रक्षा नहीं की गई तो सभी साधु समाज, ग्रामवासी सरकार की उदासीनता के खिलाफ अनिश्चितकालीन आंदोलन करेंगे. साथ ही विशाल महापड़ाव का आयोजन किया जाएगा.
इस बीच पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने साधू संतों से बातचीत की थी जो सकारात्मक रही थी. मंत्री के आश्वासन के बाद साधु संत मान गये थे. कल हुई बातचीत के दौरान मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने शेष बृज क्षेत्र को जल्द ही फॉरेस्ट एरिया घोषित करने और बृज एरिया को टूरिज्म सर्किट से जोड़ने का आश्वासन दिया था.
जिसके बाद एक और दौर शुरू होना था लेकिन इससे पहले ही आज नारायण बाबा टावर पर चढ़ गये और कहा कि उनको कल की वार्ता पर विश्वास नहीं है. फिलहाल जिला प्रशासन मौके पर समझाइश के काम में जुटे हुऐ हैं. इधर एसडीआरएफ के जवानों ने मोबाइल टावर के नीचे जाल बिछा दिया है. मोबाइल टावर पर बाबा को लेटर दिखाने के लिये एक शख्स को चढ़ाया गया लेकिन नारायण बाबा ने टावर को ऊपर से नीचे फेंक दिया और कहा कि लेटर फर्जी है. मौके पर अभी एडीएम ,एडीशनल एसपी एसडीएम सहित सभी अधिकारी मौजूद है और समझाइश की कोशिश जारी है.
रिपोर्टर- देवेंद्र सिंह
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