Bharatpur News: नदबई मूर्ति प्रकरण को लेकर प्रोफेसर डॉ. अरविंद वर्मा ने बड़ा बयान दिया है. उनका कहना है कि राजनेता जाटव समाज को टूल किट के रूप में इस्तेमाल कर अपनी राजनैतिक रोटी सेंकना चाहते हैं.


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मूर्ति लगाने को लेकर जाटव समाज को विश्वास में नहीं लिया गया. डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति लगाने से जाटव समाज का भला नहीं होगा. अगर राजनेता सच में जाटव समाज का भला करना चाहते हैं तो जाटव समाज के मोहल्लों में जाएं, वहां चल रहे जुआ-सट्टा और शराब जैसे व्यसनों को दूर करें.


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अपने पॉलिटिकल एजेंडे के लिए जाटव समाज का इस्तेमाल नहीं करें. जिस स्थान को लेकर विवाद हुआ, उस स्थान की जाटव समाज ने डिमांड नहीं की. इसके लिये जाटव समाज से नहीं पूछा गया. जाटव समाज सभी की भावनाओं का सम्मान करता है. जो राजनैतिक लोग वोटों के ध्रुवीकरण के लिए ऐसा कर रहे हैं, उन्हें सोचना चाहिए. इससे दो समाजों में दूरियां बढ़ेंगी, हम सब एकजुटता से रहते आये हैं और एकजुट रहना चाहते हैं.


जाटव समाज पर खास पकड़
महाराजा सूरजमल का भी जाटव समाज उतना ही सम्मान करता है, जितना डॉ. भीमराव अंबडेकर का, दोनों महापुरुष हैं. दोनों ने दलित शोषित, पिछड़े वर्ग को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिये काम किया.


गौरतलब है कि प्रोफेसर डॉ. अरविंद वर्मा जाटव समाज के बहुत पढ़े लिखे युवा नेता हैं और सचिन पायलट खेमे के माने जाते हैं. उनकी जाटव समाज पर खास पकड़ है. वह गुरुवार देर रात्रि को भरतपुर कलेक्ट्रेट के सामने अम्बेडकर भवन में जिला जाटव समाज के कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे.


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इस कार्यक्रम में कलक्टर आलोक रंजन, यूआईटी सचिव कमलराम मीणा, एडीसी अखिलेश पिप्पल, जिला जाटव महासभा के अध्यक्ष मुकेश जाटव सहित बड़ी संख्या में जाटव समाज के लोग मौजूद थे.