Bharatpur: देशभर में विजयादशमी और दशहरा का त्योहार हर्षोल्लास से मनाया गया.यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था. और माता सीता को वापस लाए थे, जिसकी खुशी में हर साल दशहरा  मनाया जाता है. लेकिन भरतपुर में रावण दहन करना जिला प्रशासन के लिए भारी साबित हुआ.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जिद्दी रावण ने नगर निगम के कर्मचारियों समेत जिला प्रशासन के छुड़ाये पसीने
नगर निगम के कर्मचारियों समेत जिला प्रशासन के पसीने छूट गये.रावण दहन के लिए जिला प्रशासन के साथ ही नगर निगम के कर्मचारियों को करीब 1 घंटे की भारी मशक्कत का सामना करना पड़ा. तब कहीं जाकर रावण दहन हो सका. इस मौके पर राज्यमंत्र डॉ सुभाष गर्ग भी मौजूद रहे और ये सब उनकी आंखों के सामने हो रहा था.


रस्सी से बंधे रावण के पुतले को नीचे गिरा दिया
दरअसल विजयादशमी के मौके पर लोहागढ़ स्टेडियम में बुधवार शाम 7.28 बजे राज्यमंत्री डॉ सुभाष गर्ग ने पुतला दहन के लिए आतिशी पटाखे की डोर में आग लगाई. डोर की आग पुतला तक पहुंच गई, लेकिन दहन नहीं हो सका. आनन फानन में नगर निगम कर्मचारी पेट्रोल लेकर पुतला के पास पहुंचे और पैरों की तरफ पेट्रोल छिड़ककर आग लगाई, लेकिन फिर भी रावण दहन नहीं हो सका. इसके बाद में कर्मचारियों और पुतला बनाने वाले लोगों ने रस्सी से बंधे रावण के पुतले को नीचे गिरा दिया.


लोगों ने कहा- ये तो जिद्दी रावण निकला
उसके बाद पुतले में जगह जगह आग लगाई गई. तब जाकर करीब एक घंटे में पुतला दहन हो सका. रावण दहन के दौरान आ रही चुनौतियों के बीच जिला प्रशासन भी ये सब देख हतप्रभ रह गये. रावण दहन की आतिशबाजी देखने के लिए पहुंचे  सैकड़ों की संख्या में भीड़ को मायूसी हाथ लगी जब सही तरीके से रावण दहन नहीं हो सका. लोगों को ये भी कहते सुना गया कि ये तो जिद्दी रावण निकला.


ये भी पढ़ें- जोधपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लगाई चिंगारी, 65 फीट रावण का किया दहन


रावण को मारना आसान काम नहीं -मंत्री डॉ सुभाष गर्ग
वहीं, रावण दहन में हुई मशक्कत को लेकर राज्य मंत्री डॉ सुभाष गर्ग ने कहा कि रावण को मारना आसान काम नहीं होता. रावण आसानी से नहीं मरता, लेकिन आखिर में रावण मरता है. उन्होंने कहा कि भरतपुरी भाषा में कहें तो रावण को पटकनी देकर दहन किया गया है.