जयपुर: राजस्थान के टोंक के एक छोटे से गांव में रहने वाले इंद्रप्रसाद ने एक ऐसी स्टिक तैयार की है, जिससे नेत्रहीन लोगों को काफी मदद मिल सकेगी. स्किट की खास बात ये है कि वह किसी भी अंजान खतरे से पहले ही अलर्ट जारी कर देती है. 11 वी क्लास में पढने वाले इंद्रप्रसाद ने इस स्टिक का निर्माण इसलिए किया है ताकि नेत्रहीन लोगों की राह आसान हो सके. इंद्रप्रसाद खुद पूरी तरह से देखने में सक्षम नहीं है.


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नेत्रहीन होना कोई कमजोरी का विषय नहीं, बल्कि ये तो स्वंय एक बहुत बडी ताकत है. इस बात को सिद्ध कर दिखाया है टोंक के बाम्बोरी गांव में रहने वाले इंद्रप्रसाद गोठवाल ने. उन्होने एक ऐसी स्टिक बनाई है,जो सभी नेत्रहीन लोगों के लिए विपरीत स्थिति में मददगार साबित होगी. ये खास स्टिक हर खतरे से पहले अलर्ट जारी कर देती है, जिससे नेत्रहीन सावधान हो जाते है.


यह स्टिक ब्लाइंड पर्सन के लिए खतरे के वक्त कारगार साबित होती है. पानी, भीड, अंधेरे और सड़क पर फैले पत्थरों से होने वाली बाधाओं से पहले ही अवगत करा देती है. इस स्टिक में लगा खास सेंसर की मदद से ऑटोमेटिक बैल अलर्ट जारी कर देती है, जिससे नेत्रहीन पहले ही सतर्क हो जाते है और वे किसी भी तरह की दुविधा से होने वाले नुकसान से बच सकते है.


दरअसल इंद्रप्रसाद के गांव में बहुत से नेत्रहीन बुर्जुग रोजर्मरा के काम में असक्षम महसूस करते थे और वे खुद भी इस पीड़ा से गुजर रहे थे. इसी समस्या का समाधान निकालने के लिए इंद्रप्रसाद ने ऐसी स्टिक बनाई.


ना तो इंद्रप्रसाद कोई इंजीनियर है और ना ही वे साइंस के विघार्थी हैं, लेकिन इसके बावजूद भी इंद्रप्रसाद, तकनीक की मदद से खास स्टिक बनाने मे कामयाब रहे. इस स्टिक को बनाने के लिए इंद्रप्रसाद ने किसी की मदद नहीं ली. दरअसल उनके माता पिता ईट भट्टों पर काम किया करते थे, जहां जमीन से अर्थिंग के जरिए बिजली बनाई जाती थी जहां से उन्हें इस जादुई छड़ी बनाने का आईडिया मिला.