Mandalgarh : बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पशु चारे जैसा पोषाहार, शिकायत के बाद भी नहीं बदले हालात
सरकारी स्तर पर पोषाहार संवेदक की तरफ से प्लास्टिक की थैलियों में पैकिंग पोषाहार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की गले की फांस बना हुआ है.
Mandalgarh : भीलवाड़ा जिले के मांडलगढ क्षेत्र में आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों और गर्भवती महिलाओं की सेहत सुधारने के लिए दिए जाने वाले पोषाहार की गुणवत्ता पर कई सवाल उठ रहे है. संवेदक की तरफ से आपूर्ति किये जा रहे पोषाहार की क्वालिटी घटिया होने का मामला सामने आया है. इस पोषाहार को बच्चे और गर्भवती महिलाएं तो क्या पशु भी खाने से परहेज करते है .
मांडलगढ़ उपखण्ड क्षेत्र के बीगोद कस्बे की 26 सेक्टर की आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यकर्ताओ ने घटिया पोषाहार सप्लाई को लेकर सम्बंधित अधिकारियों को कई बार शिकायत की. लेकिन पोषाहार गुणवत्ता में अभी तक कोई सुधार नहीं हुआ है.
हालाकिं कोरोना काल से ही राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों पर आपूर्ति होने वाले 0 से 5 सालों तक के बालक बालिकाओं और गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार के लिए पोषाहार में बदलाव किए. लेकिन मौजूदा पोषाहार की गुणवत्ता पैकिंग की थैलियों पर अंकित मापदंड़ पर ठीक नहीं हैं.
ये भी पढ़ें- Baran : बैंककर्मी के आखों में मिर्ची डालकर, 55 हजार लूट ले गये बदमाश
थैलियों में पैकिंग बच्चों को दाल और दलिया रास नहीं आ रहा है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि केंद्रों पर जो नया पोषाहार पैकेट सप्लाई किया जा रहा है वो घटिया किस्म का है और पैकिंग तिथि के कई माह बाद केंद्रों पर पहुंचाया जाता हैं. बच्चे भी दलिया नहीं खा रहे हैं.आंगनबाड़ी केंद्रों से जुड़ी गर्भवती, धात्री महिलाओं और बच्चों को फोटीर्फाइड प्रोसेस्ड पूरक पोषाहार दिया जा रहा है.
बच्चों को कुपोषण से छुटकारा दिलाने के लिए सरकार ने पोषाहार वितरण में बदलाव कर सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर बालकों, गर्भवती, धात्री महिलाओं और किशोरियों को प्रोसेस्ड पूरक पोषाहार वितरण शुरू किया, लेकिन जमीनी हकीकत पर लाभार्थियों की सेहत पर खरा नहीं उतर रहा है.
मूंग दाल के पैकेड में मूंग कम चावल अधिक आ रहे है, वही गेंहू के पैकेट में गेंहू है या दलिया, ये भी समझ से परे है. मीठा दलिया कड़वाहट दे रहा है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने बताया कि सभी केंद्रों पर घटिया पोषाहर सप्लाई हो रहा है. जिसकी शिकायत विभाग अफसरों को की जाती हैं तो खराब पोषाहार वितरण नहीं करने की बात कही जाती हैं. वहीं लाभार्थी पोषाहार लेने में आनाकानी करते है. ऐसे में पोषाहर वितरण की समस्या बनी हुई है.
इस मामले में मांडलगढ़ सीडीपीओ पुष्पा देवी का कहना है कि संवेदक के पैकिंग पोषाहार में अगर खराब पोषाहार निकलता हैं तो कार्यकर्ताओं को पाबंद कर रखा है कि वितरण नहीं करें. खराब पोषाहार को संवेदक को वापस लौटाने की कार्रवाई की जाती हैं.
रिपोर्टर- दिलशाद खान
ये भी पढ़ें : नसीराबाद में चार बच्चों की डूबकर मौत, पूरे गांव में मातम, नहीं जला चूल्हा