Gautam Adani: साल खत्म होने से पहले गौतम अडानी ने बड़ा फैसला कर लिया. अडानी ने 25 साल पुराने रिश्ते को तोड़ने का फैसला किया. अडानी की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज ने अडानी विल्मर से निकलने का फैसला कर लिया है.
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Adani Wilmar: साल खत्म होने से पहले गौतम अडानी ने बड़ा फैसला कर लिया. अडानी ने 25 साल पुराने रिश्ते को तोड़ने का फैसला किया. अडानी की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज ने अडानी विल्मर से निकलने का फैसला कर लिया है. अडानी ग्रुप ने एफएमसीजी कंपनी अडानी विल्मर से बाहर का रास्ता नाप लिया है, इसके साथ ही अडानी ने 25 साल पुराने रिश्ते को तोड़ने का फैसला कर लिया है. अडानी ने फैसला कर लिया है कि अब वो आटा, तेल, दाल और चावल जैसे किराना सामान नहीं बेचेंगे. लेकिन सवाल ये कि आखिर अडानी ने ऐसा फैसला क्यों लिया ?
अडानी विल्मर में पूरी हिस्सेदारी बेचेंगे गौतम अडानी
अडानी ग्रुप ने सोमवार को अडानी विल्मर लिमिटेड में अपनी 44 फीसदी हिस्सेदारी से पूरी तरह से बेचने का फैसला किया. ये हिस्सेदारी दो हिस्सों में बेची जाएगी. पहले पब्लिक शेयरहोल्डिंग के नियमों को पूरा करने के लिए 13% हिस्सेदारी बेचेगा, फिर सिंगापुर का विल्मर ग्रुप बाकी के 31% हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगा. इस खबर के आते ही अडानी विल्मर के शेयर 8 फीसदी तक लुढ़क गए.
कितने में होगी ये डील
अडानी ग्रुप को इस डील से करीब 2 अरब डॉलर यानी करीब 17,000 करोड़ रुपये मिलेंगे. बता दें कि अडानी विल्मर भारत की एक प्रमुख एफएमसीजी कंपनी है, जो अडानी ग्रुप और सिंगापुर स्थित विल्मर इंटरनेशनल के बीच 50:50 ज्वाइंट वेंचर्स के तौर पर काम करती है. लेकिन अडानी के इस कंपनी से निकलने के बाद विल्मर ग्रुप की इस कंपनी में हिस्सेदारी 75 फीसदी की हो जाएगी. बता दे कि अडानी और सिंगापुर की कंपनी विल्मर ने 1999 में इस ज्वाइंच वेंचर की नींव रखी थी.
अडानी क्या करेंगे इतने पैसों का
इस डील से मिले 2 अरब डॉलर का अडानी अपने कोर बिजनेस को बढ़ाने में करेंगे. अडानी ऊर्जा,यूटिलिटीज, परिवहन और लॉजिस्टिक्स जैसे कंपनियों में निवेश करना चाहते है. अडानी विल्मर में पूरी हिस्सेदारी बेचकर जो पैसे मिलेंगे, उसका इस्तेमाल अडानी एंटरप्राइजेज कोर इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश करेगी.
कितनी बड़ी है कंपनी
आपके घर में भी फॉर्च्यून नाम से तेल, रिफाइन, आटा, चावल आता ही होगा. ये ब्रांड अडानी विल्मर का ज्वाइंट वेंचर प्रोडक्ट है. अडानी विल्मर प्रमुख उपभोक्ता कंपनी है जिसका 100% शहरी कवरेज है. भारत के 30,600 से अधिक ग्रामीण कस्बों में उसकी मौजूदगी है. 30 से ज्यादा देशों में इसका एक्पोर्ट होता है. साल 2022 में अडानी विल्मर ने अपना IPO लॉन्च कर रकम जुटाई थी, जिसका इस्तेमाल मैन्यूफैक्चरिंग क्षमताओं को मजबूत करने में और प्रोडक्शन बढ़ाने में किया गया था.