Bhilwara News: 4 महीने बाद पूर्व विधायक विट्ठलशंकर अवस्थी के समर्थकों की उठी टीस, कार्यकर्ता सम्मेलन में हंगामा
भीलवाड़ा में भाजपा की ओर से विट्ठलशंकर अवस्थी को टिकट दिया गया था, लेकिन यहां वैचारिक परिवार ने इसका विरोध शुरू कर दिया. इसके बावजूद टिकट नहीं बदला गया. वैचारिक परिवार ने अशोक कोठारी को निर्दलीय चुनाव में उतार दिया.
Lok Sabha Election 2024 : विधानसभा चुनाव में अपनों की बगावत के चलते शहर विधायक की सीट गंवाने वाली भाजपा में खिंचतान थमने का नाम नहीं ले रही है तो हारे विधायक से समर्थकों की रह रहकर टीस उठ रही है.
भीलवाड़ा में भाजपा की ओर से विट्ठलशंकर अवस्थी को टिकट दिया गया था, लेकिन यहां वैचारिक परिवार ने इसका विरोध शुरू कर दिया. इसके बावजूद टिकट नहीं बदला गया. वैचारिक परिवार ने अशोक कोठारी को निर्दलीय चुनाव में उतार दिया.
इसके साथ ही भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष लादूलाल तेली, एलएन डाड व उपसभापति रामलाल योगी, कन्हैयालाल स्वर्णकार भी खुलकर कोठारी के समर्थन में आ गए तो पार्टी ने इन्हें निष्कासित कर दिया. वहीं चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी को पराजित कर कोठारी ने जीत हासिल की. इधर दूसरी ओर अपने एक बयान में अवस्थी ने आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ लोगों ने षडयंत्र पूर्वक मिलकर मेरी राजनीतिक हत्या की है. आपसी मतभेद चल रहे थे.
वहीं भीलवाड़ा में आयोजित सीएम भजनलाल शर्मा की सभा में अशोक कोठारी सहित बागी हुई टीम को शामिल कर लिया. जबकि अवस्थी के साथ हुई बैठक में सीएम व अन्य पदाधिकारियों ने कहा था कि कोठारी एंड टीम को बाद में शामिल किया जाएगा.
इस बीच मंच पर कोठारी को भाजपा का दुपट्टा पहनाने से सीएम ने इनकार कर दिया. इससे संदेश गया कि कोठारी को लेकर भाजपा में एक राय नहीं है. लोकसभा चुनाव में अंदरखाने बागी कोठारी के समर्थक रहे लोकसभा के प्रत्याशी दामोदर अग्रवाल को जीतने को लेकर भाजपा कार्यालय में कार्यकर्ता सम्मेलन चल रहा था, यह पहला मौका था जब बागी और भाजपा नेताओं ने एक साथ मंच साझा किया लेकिन निर्दलीय कोठारी मंच पर अतिक्रमण करने की नियत के साथ पूरी तैयारी से वहा पहुंचे थे.
मंचासीन अतिथियों का सम्मान कार्यक्रम चल रहा था की इस दौरान भाजपा विधायक प्रत्याशी रहे वरिष्ठ नेता विट्ठलशंकर अवस्थी का नाम पुकारे जाने के साथ ही कोठारी के समर्थक बादल सिंह नामक एक युवक ने '' अवस्थी चोर '' है जैसे नारे का उपयोग करके सदन में माहौल को तनावपूर्ण कर दिया.
एकाएक सदन में हंगामा शुरू हो गया और पूर्व नियोजित तरीके से कोठारी के समर्थको ने जमकर हंगामा खड़ा कर दिया. दोनों ही नेताओं के समर्थक आमने सामने आ गए और हाथपाई तक की नौबत आ गई. मांग से ही कई वरिष्ठ नेताओं ने शांति की अपील की लेकिन बात नहीं बनी करीब 15 मिनट तक विवाद की स्थिति बनी रही, जिसे अवस्थी ने ही बीच बचाव कर शांत करवाया.