भीलवाड़ा : ढोलबाजे के साथ हुआ तुलसी विवाह, नाचते गाते शामिल हुए लोग
Bhilwara News : भीलवाड़ा शहर में अनूठी शादी एक बार फिर चर्चा का विषय बनी है. ढोल बाजे के साथ सड़क पर नाचते बाराती और शादी की धूम देखते ही बन रही थी. ये शादी किसी वर या वधू की नहीं थी बल्कि आस्था की प्रतीक तुलसी मां की थी.
Bhilwara News : राजस्थान के भीलवाड़ा शहर में पाथिक नगर निवासी देवी लाल माली ने तुलसी विवाह का आयोजन करवाया गया. प्रकृति और धर्म से जुड़े इस विवाह समारोह के दौरान आस्था के प्रतीक तुलसी विवाह में महिलाओं ने बढ़चढ़ कर भाग लिया. माली ने तुलसी विवाह की तैयारी चार पांच दिन पहले ही शुरू कर दी. साथ ही भगवान का सुंदर श्रृंगार कर उन्हें आकर्षक परिधान पहनाए गए.
तुलसी विवाह का आयोजन आम विवाह की भांति देवी लाल माली के घर पर किया गया. मोहल्ले की महिलाएं बैंड बाजे के साथ भगवान शालगराम और ठाकुर जी के रथ के साथ नाचते-गाते पाथिक नगर पहुंची. वहीं वधू पक्ष की महिलाओं ने भजन और गीत गाकर ठाकुर जी का स्वागत किया और विधि-विधान के साथ मां तुलसी और शालगराम का विवाह संपन्न कराया. वरमाला की रस्म के बाद हवन कुंड के चारों ओर तुलसी के पवित्र पौधे और शालगराम को गोद में लेकर सात फेरे कराए गए.
इस दौरान हवन पूजन का भी आयोजन किया गया. महिलाओं ने तुलसी माता को उपहारों के साथ विदाई दी. महिलाओं में प्रसाद का वितरण किया गया. परंपरागत विवाह के लिए तुलसी के पौधे को साड़ी और आभूषण पहना आकर्षक ढंग से सजाया गया था.
वहीं ठाकुर जी के साज-सज्जा में भी किसी प्रकार की कमी नहीं रखी गई थी. बदलते दौर के साथ रीति रिवाजों में भी भव्यता की झलक साफ देखने को मिल रही है. भगवान शालगराम की बारात बैंड बाजो के साथ माली समाज की महिलाएं, पुरुष और बच्चे नाचते हुए पैदल ही पथिक नगर स्थित देवी लाल माली के घर पहुंची. सांगानेर चारभुजा मंदिर माली समाज के पुजारी जगदीश वैष्णव ने बताया कि तुलसी विवाह देवोत्थान 6 के दिन संपन्न हुआ था. ऐसे में ये दिन काफी शुभ है.
रिपोर्टर- दिलशाद खान
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