Bhilwara News: राजस्थान के भीलवाड़ा शहर में भी आज ईद के पर्व को लेकर मुख्य नमाज सांगानेरी गेट स्थित ईदगाह पर संपन्न हुई. शहर काजी मुफ्ती अशरफ जिलानी की सवारी बहाले की मस्जिद से शुरू होकर ईदगाह तक पहुंची, जहां देश में अमन और सुकून की दुआ मांगने के साथ ही ईद की मुख्य नमाज भी अदा की गई. इस दौरान बड़ी संख्या में मुस्लिम धर्मावलंबियों ने ईद की नमाज अदा की. आपस में गले मिलकर एक दूसरे को मुबारकबाद दी.  ईदगाह पर जिला कलेक्टर नमित मेहता, एसपी राजन दुष्यंत, कांग्रेस जिला अध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी महासचिव महेश सोनी आदि जनप्रतिनिधियों ने आमजन को ईद की बधाइयां दी. 


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रमजान माह के बाद आती है ईद
एक महीने के रोजे के बाद ईद का त्योहार आता है. इस दिन लोगों के घरों में सेवई बनाते हैं, इसलिए इस पर्व को ''मीठी ईद'' भी कहा जाता है. बता दें कि परंपरानुसार ईद-उल-फितर का पर्व ''शव्वाल'' की पहली तारीख को मनाया जाता है जो कि रमजान के महीने के खत्म होने पर शुरू होता है. ''शव्वाल'' का चांद दिखने पर ही ईद की तारीख तय होती है और वो कल दिखा था. इसलिए आज पूरे देश में भाईचारे और प्रेम के प्रतीक इस त्योहार को मनाया जा रहा है. आज के दिन लोग अपने घरों को सजाते हैं और नए कपड़े पहनते हैं. घरों में कई तरह के पकवान बनते हैं. नमाज अदा करने के बाद लोग एक-दूसरे को गले लगाकर ईद की मुबारकबाद देते हैं. इस दिन तो बच्चों की मौज होती है, उनकी खुशी तो देखने लायक होती है. यह त्योहार आपसी प्रेम, भाईचारे और एकता का मानक है जो कि लोगों के चेहरे पर मुस्कान लेकर आता है. 


रमजान सबसे पाक माह
इस्लाम में रमजान को सबसे पवित्र महीना माना गया है, क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि इसमें लोग संयमित रहकर ऊपरवाले से सीधे साक्षात्कार करते हैं. इस पूरे महीने में सभी मुसलमान रोजे रखते हैं. कहते हैं कि 610 ईसवी में पैगंबर मोहम्मद साहब पर लेयलत-उल-कद्र के मौके पर पवित्र धर्म ग्रंथ कुरान शरीफ इसी महीने में नाजिल हुई थी, इसलिए इसे पाक महीना कहा जाता है. इस महीने के ही अंतिम दिन ईद मनायी जाती है. 


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