Bikaner News: बीकानेर के कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल के स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए नवाचार पुकार अभियान को स्कॉच एसकेओसीएच अवार्ड 2023 में जिला प्रशासन श्रेणी में सिल्वर अवार्ड से सम्मानित किया गया है.  जिला प्रशासन के जरिए सुशासन, शिक्षा, स्वास्थ्य और समावेशी विकास  के लिए कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल  ने अन्य नवाचारों को चार श्रेणियों में आर्डर ऑफ मेरिट में सेमीफाइनस्ट के रूप में स्थान मिला है. इन नवाचारों में सजग आंगनबाड़ी अभियान, डिजिटल एजुकेशन के लिए डीआईक्यूई, झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले लोगों का सम्मानित पुनर्वास तथा पुकार अभियान शामिल है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ये भी पढ़ेंः राजस्थान- CM गहलोत ने सरकारी नौकरी पाने का सपना किया और भी आसान, आवेदन शुल्क में दी ये बड़ी राहत


डिजिटल एजुकेशन  से लेकर पुनर्वास तक विकास की बात


बता दें कि बीकानेर को बेहतर जिला बनाने के लिए  डीएम कलाल ने  शिक्षा के क्षेत्र में  डिजिटल एजुकेशन नवाचार डीआईक्यूई के माध्यम से कक्षाओं को स्मार्ट टीवी से जोड़ा. जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने के लिए सजग आंगनवाड़ी अभियान संचालित किया  गया.  नगर विकास न्यास के जरिए झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों का सम्मानित पुनर्वास के नवाचार को इस अवॉर्ड के तहत आर्डर ऑफ मेरिट में सेमीफाइनलिस्ट के रूप में स्थान मिला.\


पुकार अभियान ने दिखाई एनीमिया मुक्त बीकाणा की राह
जिले में मातृ मृत्यु दर , शिशु मृत्यु दर में कमी लाने और एनीमिया मुक्त बीकाणा की दिशा में चलाए गए पुकार अभियान को आर्डर ऑफ मेरिट सेमीफाइनलिस्ट के साथ-साथ जिला प्रशासन श्रेणी में सिल्वर अवार्ड के लिए चुना गया. पुकार अभियान के तहत स्वास्थ्य एवं पोषण पाठशाला का आयोजन किया जाता है.


अब तक लगी 40 हजार से ज्यादा पाठशालाएं


बता दें कि डीएम कलाल ने पुकार अभियान के तहत 6 अप्रैल से अब तक जिले भर में मातृ शिशु 40 हजार से ज्यादा स्वास्थ्य एवं पोषण पाठशालाएं आयोजित हो चुकी हैं जिनमें 5,50,154 महिलाओं, गर्भवतियों व किशोरियों से संवाद हुआ है. इन बैठकों में 16,70,103 आयरन फोलिक एसिड की टेबलेट का वितरण किया जा चुका है, जो एनीमिया मुक्त राजस्थान अभियान के अंतर्गत कीर्तिमान बन रहा है.


क्या है ''पुकार’
गर्भधारण से लेकर बच्चे के दो वर्ष के होने तक के लगभग एक हजार दिन के दौरान जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य की सुरक्षा हो, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को बेहतर पोषण व एनीमिया से मुक्ति मिले जैसे उद्देश्यों के साथ जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल द्वारा गत 6 अप्रेल 2022 से जिले में ‘पुकार’ अभियान प्रारम्भ किया गया है. इसके तहत प्रत्येक बुधवार को जिले की 367 ग्राम पंचायतों और 4 नगरीय निकायों के 190 वार्डों में से जिले में लगभग 500 स्थानों पर मातृ शिशु स्वास्थ्य एवं पोषण पाठशालाएँ जाजम बैठकों के रूप में आयोजित होती हैं.


पुकार एक साइलेंट रिवॉल्यूशन, बड़े बदलावों का आधार हो रहा तैयार


पुकार कार्यक्रम एक साइलेंट रिवॉल्यूशन की तरह स्वास्थ्य सूचकांकों में बड़े बदलाव की आधारशिला तैयार कर रहा है. अभियान के आए प्रारम्भिक परिणाम देखें तो प्रसव पूर्व जांच यानी कि एएनसी पंजीकरण में 21 प्रतिशत उछाल आया है. महिलाओं में जागरुकता आने से 28 प्रतिशत ज्यादा एएनसी पंजीकरण 12 सप्ताह में होने लगा है. इसी प्रकार 4 एएनसी चेकअप करवाने वाली गर्भवतियों की संख्या 25 प्रतिशत की दर से बढ़ गई है. इस दौरान संस्थागत प्रसव बढ़ने से घरेलू प्रसव 542 से गिर कर 158 रह गए है. मातृ मृत्यु गत वर्ष की तुलना में पचास प्रतिशत कम हुई. गर्भवती व धात्री महिलाओं में खून की कमी के मामले में भी कमी आई है.


किसे दिया जाता है
2003 से स्कॉच ग्रुप के जरिए दिए जाने वाले इस अवार्ड में देश के विभिन्न राज्यों के व्यक्तियों, संस्थाओं तथा गुड गवर्नेंस के लिए जिला प्रशासन द्वारा किए गए नवाचारों को भी विभिन्न श्रेणियों में सम्मानित किया जाता है.


ये भी पढ़ेंः बीकानेर से वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा का पहला जत्था रवाना, 400 नागरिकों को मिला पहला मौका